*नकारात्मक सोच को बदलें।*
मैं इन्दौर में हूं। इन्दौर के बाहर से जब भी मेरे पास कोई फोन आता है, एक ही सवाल। इन्दौर की हालत तो बहुत खराब है। कैसे हैं आप ?
मैं उन्हें कहता हूं । जैसा आप सुनते हैं, ऐसा कुछ नहीं है। बहुत अच्छा है। बहुत बड़ा है इन्दौर शहर। प्रदेश में प्रथम। इतने बड़े शहर को विद्यमान महामारी से एकदम अलग तो नहीं रखा जा सकता है।
जो कुछ थोड़े से केस आ रहे हैं, वे कुछ ना समझों की गलती से आ रहे हैं। शहर का ९९.९९ प्रतिशत रहवासी समझदार हैं और इस गृह-बन्धन आदेश में सरकार का पूरा सहयोग कर रहा है। यही कारण कि ३ मिलियन से अधिक की आबादी में अब तक बमुश्किल ५००, ७०० लोग पीड़ित हुए हैं। शेष जो लोग घरों में बन्द हैं, वे सब सुरक्षित हैं। आप इन सुरक्षित लोगों को देखें, न कि पीड़ितोंं की संख्या को।
कृपया इन्दौर ही नहीं, हमारे प्रदेश और सम्पूर्ण देश के लिये सकारात्मक सोच को प्रोत्साहन दें। नकारात्मक सोच और भयभीत होने से तो मन:स्थिति खराब ही होगी। इससे आप रोगी भी हो सकते हैं। सम्यक सावधानी के साथ रहने से परिस्थितियाँ बदलते देर नहीं लगेगी। बहुत जल्द सब कुछ ठीक होगा।
नमस्कार।
*आपका हर पल आनन्ददायी हो।*
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