*इंदौर / रिटायर्ड साइंटिस्ट का दावा, कोरोना वायरस पूरी तरह से लैब में ही बनाया गया है*
होलकर साइंस कॉलेज में प्रोफेसर रहे और यंग साइंटिस्ट का अवॉर्ड प्राप्त कर चुके राम श्रीवास्तव ने यह दावा किया है
यह दावा उन्होंने स्पेन, चीन, अमेरिका यूके की मेडिकल संस्था के रिसर्च पेपर का अध्ययन कर किया है
इंदौर. शहर में धीरे-धीरे अपना दायरा फैलाते काेराेनावायरस काे लेकर शहर के रिटायर्ड साइंटिस्ट ने दावा किया है कि यह वायरस पूरी तरह से लैब में ही बनाया गया है। साइंटिस्ट का मानना है कि दूसरे वायरस और इस वायरस में काफी अंतर है। रिसर्च में पता चला है कि नेचरल वायरस और काेराेना वायरस का जींस सीक्वेंस क्रम बिलकुल अलग है। नेचरल वायरस का सीक्वेंस क्रम हमेशा बदलता रहता है, लेकिन काेराेनावायरस का सीक्वेंस नहीं बदल रहा है। दूसरे वायरसों की तरह इसका न्यूट्रेशन नहीं हाे रहा है। इससे 80 प्रतिशत संभावना यह है कि इसे लैब में बनाया गया है और यह पूरी तरह से प्राकृतिक नहीं होकर जैनेटिक मॉडिफाइड वायरस है।
होलकर साइंस कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं
होलकर साइंस कॉलेज में प्रोफेसर रहे और यंग साइंटिस्ट का अवॉर्ड प्राप्त कर चुके राम श्रीवास्तव ने सिटी भास्कर काे बताया कि उन्होंने यह जानकारी अमेरिका, चीन, स्पेन और यूके की मेडिकल संस्था के रिसर्च पेपर से शाेध कर जुटाई है। साइंटिस्ट ने बताया कि आंखाें का कलर गुलाबी हाेना, सूंघने की क्षमता कम हाेना और खाने का स्वाद पता नहीं चलना काेराेना वायरस के शुरुआती लक्षण हैं। जब काेराेना वायरस हमारे शरीर में हवा के द्वारा घुसता है, तब सबसे पहले यह उन ग्रंथियों काे खराब करना शुरू कर देता है जिनसे हमें सुगंध या दुर्गंध का पता चलता है।
इसके बाद यह मुंह में जाकर हमारी लार में मिलकर जीभ के मौजूद टेस्ट बड्स काे ढंक देता है, जिससे स्वाद की ग्रंथी सुस्त हाे जाती है। इन दाेनों लक्षणों के तीन से चार दिन बाद सूखी खांसी, तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या हाेने लगती है। उन्होंने बताया कि काेराेना वायरस में इंसान की आंखाें का कलर भी गुलाबी हाे जाता है। इसके लिए अमेरिका की अमेरिकन ऑथाेलॉजिकल सोसायटी ने अपने सभी नेत्र विशेषज्ञों काे भी अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि काेराेना वायरस के शुरुआती लक्षण में आंखाें का गुलाबी हाेना भी शामिल है। यह वायरस उन लाेगाें के लिए भी खतरनाक है जाे काॅन्टेक्ट लैंस का इस्तेमाल करते हैं।
घर पर रहकर कर सकते हैं यह काम
साइंटिस्ट ने बताया कि इस वायरस की चेन काे तोड़ने के लिए घर पर रहना ज़रूरी है। इसके साथ ही यह वायरस नुकसान पहुंचाए, इसके लिए घर पर रहकर ही यह तीन काम भी करें-
जलनैती : इसे नाक सफाई योग भी कहते हैं। इसके करने से सायरस पतला हाे जाएगा और काेराेना वायरस उसमें चिपक नहीं पाता।
उज्जायी प्राणायाम : इसमें गले काे दबाकर सांस काे कंठ और पेट के बीच में ऊपर-नीचे ले जाते हैं, जिससे कबूतर जैसी आवाज आती है। इससे श्वास नलिका में वायरस जमा नहीं रह पाएगा और वह पेट में चला जाएगा और हमारे पेट में मौजूद हाइड्रोक्लोराइड लिक्विड उसे खत्म कर देगा।
अजवाइन के पानी काे उबाल कर एक घंटे में दाे-दाे घूंट पीते रहें, इससे भी वायरस गले में चिपके हाेने से यह पेट में चला जाएगा और हाइड्रोक्लोराइड लिक्विड उसे खत्म कर देगा।
*जैसा प्राप्त हुआ*
🙏😷