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*"तूफ़ान के हालात है*,
*ना किसी सफर में रहो"*...
*"पंछियों से है गुज़ारिश*,
*अपने शजर में रहो"*
*"ईद के चाँद हो,*
*अपने ही घरवालो के लिए"...*
*"ये उनकी खुशकिस्मती है*,
*उनकी नज़र में रहो"...*
*"माना बंजारों की तरह,*
*घूमे हो डगर डगर...*
*"वक़्त का तक़ाज़ा है,*
*अपने ही शहर में रहो"...*
*"तुम ने खाक़ छानी है*,
*हर गली चौबारे की..*.
*"थोड़े दिन की तो बात है,*
*अपने घर में रहो"..*
*शुभ दिन*
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