Friday, 27 March 2020

उड़ने दो मिट्टी को आखिर कहाँ तक उड़ेगी - सुबह का डोज़

*उड़ने दो मिट्टी को आखिर कहाँ तक उड़ेगी,*
*हवाओं ने जब साथ छोड़ा तो, आखिर जमीन पर ही गिरेगी !!* 
*माना कि औरों की मुकाबले, कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने*....
*लेकिन..खुश हूँ कि....खुद गिरता संभलता रहा...*
   *पर किसी को गिराया नही मैंने*!


      🙏🌹 *सुप्रभातम्* 🌹🙏