✍️
*चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी.?*
*मयंक गुप्ता • स्वास्थ्य।*
*उस समय Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबुन भी दुर्लभ वस्तुओं की श्रेणी आता था। तो उस समय हाथ धोने के लिए जो सर्वसुलभ वस्तु थी, वह थी चूल्हे की राख। जो बनती थी लकड़ी तथा गोबर के कण्डों के जलाये जाने से।*
*चूल्हे की राख का संगठन है ही कुछ ऐसा। आइये चूल्हे की राख का वैज्ञानिक विश्लेषण करें।*
*राख में वो सभी तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों में उपलब्ध होते हैं। ये सभी Major तथा Minor Elements पौधे, या तो मिट्टी से ग्रहण करते हैं या फिर वातावरण से।*
*सबसे अधिक मात्रा में होता है Calcium। इसके अलावा होता है Potassium, Aluminium, Magnesium, Iron, Phosphorus Manganese, Sodium तथा Nitrogen। कुछ मात्रा में Zinc, Boron, Copper, Lead, Chromium, Nickel, Molybdenum, Arsenic, Cadmium, Mercury तथा Selenium भी होता है।*
*राख में मौजूद Calcium तथा Potassium के कारण इसकी ph 9 से 13.5 तक होती है। इसी ph के कारण जब कोई व्यक्ति हाथ में राख लेकर तथा उस पर थोड़ा पानी डालकर रगड़ता है तो यह बिल्कुल वही माहौल पैदा करती है जो साबुन रगड़ने पर होता है। जिसका परिणाम होता है जीवाणुओं और विषाणुओं का खात्मा।*
*आइये, अब मनन करें सनातन धर्म के उस तथ्य पर जिसे अब सारा संसार अपनाने पर विवश है।*
🙏