✒️एक कहानी😊😊
*स्वाकंन का पटाक्षेपन*
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उस दिन जॉब रोटेशन के तहत मुझे कैश काउंटर से हटा कर miscellaneous पटल का काम दिया गया ।जहाँ मुझे RTGS, NEFT, DD, और 50000 रुपये से कम के लेन देन करने थे, मैं वही कर रहा था तभी मेरे कानों में आवाज आई
" No one do their job properly in government banks, you guys just take thick salary, do you not getting what i m asking for, you waste my 15 minutes."
जब देखा उधर तो पाया एक 21, 22 साल का लड़का हमारे 55 साल के दफ्तरी को english में भर भर के गरिया रहा था, पहले तो हँसी आयी के आज रामलाल फंस गया चक्कर में,
फिर कुछ देर में ही ,उस लड़के की भाषा और वॉल्यूम दोनो तीखे हो गए,तो मैंने अपने काउंटर से आवाज़ लगाई "रामलाल क्या बात हैं क्या हुआ ?, क्या चाहिए भाई साब को "
रामलाल भाग के मेरे पास आया और बोला "साब पता नही का कह रहे है अंग्रेज़ी में हमे कुछ नही समझ आ रहा हैं,हम बताये के हमे अंग्रेजी नही आती तब भी, पर साब सबके सामने बेज़्ज़ती तो हो ही गयी बताओ कल का लौंडा सबके सामने गरिया रहा है वो भी अंग्रेज़ी में, बैंक वालो की तो कोई इज़्ज़त नही रही "
"कोई बात नही ,पब्लिक सर्विस में ये सब चलता है " मैंने रामलाल को समझाया
"सर आप बताइए क्या काम है ?" मैंने उस लड़के से कहा
वो मेरे सामने एक चेक ले के आ गया और बोला " I WANT CASH PAYMENT OF THIS CHEQUE. "और चेक मेरी ओर बढ़ा दिया ,
चेक जो हाथ में ले के, पहले तो हमने ढूंढा कही कोई गलती मिले, पर चेक एक दम सही था तो हमने चेक का छपाई वाला भाग ऊपर रख कर कहा "श्रीमान इस पर स्वाकंन पटाक्षेपित करें "और मैं फिर अपना काम करने लगा,
कुछ देर में आवाज आई "SORRY , WHAT I HAVE TO DO ?"
मैंने फिर कहा -"श्रीमान इस पर स्वाकंन पटाक्षेपित करें"
और फिर अपना काम करने लगा,इस बार लगभग 3 ,4 मिनट बाद आवाज़ आयी "एक्सक्यूज़ मी, वैसे मुझे करना क्या हैं "
मैंने हल्के से मुस्कुराकर कहा " चेक के पीछे साइन करो "
बस फिर क्या वो वही बम की तरह फट पड़ा "आप ऐसे कैसे बात कर सकते हैं,मुझे कोई संस्कृत थोड़े आती हैं, जो संस्कृत बोल रहे हो "इतना कह के वो ब्रांच मैनेजर के पास शिकायत ले के पहुँचा और बोला "वो बंदा मुझसे संस्कृत में बात कर रहा है,बताइए ग्राहक को क्या समझ आएगा, HE SHOULD USE THE LANGUAGE PEOPLE UNDERSTAND"
फिर मेरी पेशी हुई,
ब्रांच मैनेजर ने मुझसे जवाब मांगा की भाई कौन सी फ़ारसी पढ़ दिए तुम,"
मैंने कहा "सर मैंने तो बस इतना कहा था कि स्वांकन पटाक्षेपित करें"
ये सुनते ही मैनेजर साब की हँसी छूट गयी " तुम इतनी क्लिष्ठ हिंदी काहे बोलते हो की लोग उसे संस्कृत समझ ले"
वो लड़का अपने ऊपर चल रहे ये व्यंग्य बाण सहन नही कर पा रहा था, उसका लाल चेहरा इस बात की गवाही दे रहा था
"सर ,ये महोदय रामलाल को 15 मिनट तक इंग्लिश में समझा रहे थे जबकि ये अच्छी तरह समझ रहे थे कि उसे इंग्लिश नही आती,उसपे बैंक पे इल्ज़ाम की बैंकवाले बहुत समय लगाते हैं ,और कस्टमर को परेशान करते है ,कुछ आता जाता नही है मोटी तनख्वाह लेते है ,
ये चाहते तो मेरे पास या आपके पास आकर भी अपनी बात इंग्लिश में बताते तो एक मिनट में काम हो जाता,
अब हिंदुस्तान में रह के, ये क्या बोले english में ,मैं समझ गया, तो ये मेरी क़ाबलियत हैं और ये हिंदुस्तान में रह के हिंदी नही समझ पाए ये इनकी नाकाबलियत है ",
ऐसा कह के मैंने उस लड़के की ओर देखा, (एकदम चोंगा सा मुँह बन गया था उसका) और कहा " "जेंटलमैन, भाषा सिर्फ दूसरो को अपनी बात समझाने का साधन मात्र है ना कि status symble, सामने वाले व्यक्ति को देख कर,जो भाषा उचित हो वही प्रयोग किया करो ...........आओ पेमेंट कर देते है "
ऐसा कह के मैं अपने काउंटर पर चला गया, फिर वो भी सामने से आया और बोला "भैया !साइन कर दिया हैं, 500 के नोट देना "
"उसके जाने के बाद रामलाल एक कप चाय लाया और बोला साब चाय मेरी तरफ से .......धोते बहुत अच्छा हो आप ,..
क्या फटाफट इंग्लिश से हिंदी में ट्रांसलेट हो गया ,मज़ा आ गया"
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