Thursday, 18 June 2020

मोदी जी ने आज जो कहा है पूरे इतिहास में भारत के किसी प्रधानमंत्री...

मोदी जी ने आज जो कहा है पूरे इतिहास में भारत के किसी प्रधानमंत्री ने चीन के ख़िलाफ़ ऐसा स्टेटमेंट नही दिया था

मुझे खुद बड़ी हैरानी हुई , मुझे लगा मोदी जी डायरेक्ट पब्लिक में स्टेटमेंट नही देंगे

आज मोदी का कद , नेहरू से बहुत ऊपर हो गया !

इसका असर बहुत दूर तक होगा !

चीनियों को समझना चाहिए भारत ने आज तक पूरी क्षमता के साथ तीनो सेनाओं का सयुंक्त अटैक किया ही नही है

हम चीन को कमजोर नही समझते 
दुश्मन को कमजोर समझना सबसे बड़ी बेवकूफ़ी होती है

पर हम इतना जानते हैं 

तबाही का मंजर यादगार होगा ,

भारत -चीन अगर अपनी पूरी ताकत से भिड़ गए तो सेकेंड वर्ड वार से भी भयानक त्रासदी होगी

पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बैठ जाएगी , पूरा एशिया रुक जाएगा ,

चीन ख़्वाब में भी ये ना सोचे कि वो 62 की तरह हमे आसानी से हरा देंगे

मोदी जी का स्टेटमेंट सुनिए
वो मारते मारते मरे हैं !

US इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक भी चीन की भारी कैजुएलटी हुई है , मुझे ऐसा लगता है दोनों ओर का ही नुकसान हुआ है , पर एक बात एकदम साफ़ है

भारत के जवान अटैक कभी नही करेंगे चीन पर , इसका कोई लॉजिक ही नही बनता
अटैक उन्होंने ही किया है और गज़ब का युद्ध कैशल दिखाया है हमारी सेना ने जिसने अचानक हुए अटैक का इतना शार्प रिस्पॉन्स दे दिया

चीन खुद को सुपर पावर समझता है , पूरी दुनिया मे बात आम हो गयी है चीन के सैनिक भी मरे हैं

चीन इसको निश्चित रूप से हल्के में नही लेगा , 1962 की लड़ाईं तो मात्र इस वजह से उसने कर दी थी क्योंकि उसके सुप्रीम लीडर का पुतला भारत मे जलाया गया था , दलाई लामा को भारत ने सरंक्षण दिया था

नेहरू बस माफीनामा ही भेजते रहे , समझाते रहे चीनियों को की हमारा देश लोकतंत्र है यहाँ तो मेरा ही पुतला बना कर लोग अक्सर जूतों से पीट देते हैं

हमारा आपके लीडर्स की बेज्जती का कोई इरादा नही है , इसी मान मनव्वल को चीन ने हमारी कमजोरी समझा था

पर इस बार मोदी ने लाइन खींच दी है , विश्व को भी आगाह किया है
की पागल हाँथी बहुत विन्ध्वंस लाता है !

डैगन की सारी आग उसी हिमालय में बर्फ बन जाएगी और हाँथी जिधर चलेगा उधर शमशान बनता जाएगा

आग दिखानी है तो समंदर में दिखाओ , साउथ चाइना सी में दिखाओ , हिमालय की बर्फ में सब ठंडा हो जाता है

नरेंद मोदी भारत के अब तक के सबसे काबिल प्राइम मिनिस्टर हैं , नेहरू आज मीलों दूर छूट गए

बौद्धिकता और लीडरशिप अलग चीजें होती हैं , 

जिनपिंग को समझना होगा अगर वो खुद को सनकी और बहुत बड़का साइकोलजिस्ट समझता है

तो इधर मोदी भी कम पागल नही है !

पागलों की भिड़ंत भयावह होगी , मोदी को नेहरू समझना बन्द करे चीन

ये वही मोदी है जो नवाज शरीफ की बेटी की शादी में गया था और उसके बाद पाकिस्तान को दो बार निबटा चुका

तुम्हे ही गेम खेलने नही आता
हम तुम्हारे बाप रहे हैं

न यकीन हो तो पुतिन से पूछ लेना , अपनी लुगाई इमरान से पूछ लेना

फिलहाल LAC पर सेनाएँ दोनों देश की अब टैक्टिकल लोकेशन पर शिफ्ट होंगी , ऐसी लोकेशन्स जहाँ युद्ध के दौरान दुश्मन पर बढ़त मिले

चीन विश्व का नेता बनने निकला था
हिमालय की ओर न आता तो बन भी सकता था

भारत की भूमि ही ऐसी है , बड़े बड़े विजेता और नेता इधर खप जाते हैं
पड़ी डंडी ले ली चीन ने , अच्छा भला US के ऊपर दबाव बना रहा था , साउथ चाइना सी में दादागिरी चल रही थी
अब ससुर गलवान में लाशें बटोर रहें

ये लड़ाईं लंबी चलने वाली है .

जो लोग आपको रोज मेसेज अथवा पोस्ट भेजते हैं..सुप्रभात उन सब को🌹

*🌞🌹सूर्योदय अभिवादन🌹🌞*
       1️⃣8️⃣ 0️⃣6️⃣ 2️⃣0️⃣2️⃣0️⃣
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
         *🙏जय जिनेन्द्र🙏*

 *"जो लोग आपको रोज*
     *"मेसेज " अथवा*
     _     *"पोस्ट"*
     _*भेजते हैं, वो इसलिए नहीं*
     *कि, वे फुरसत में होतें हैं;*

 *बल्कि इसलिए कि.*._

      *उनमें हमेशा आपके*_
       *नज़दीक बनें रहने की*_
          *चाहत होती है* 🙏
    
*चाबी से खुला ताला..*
    *बार बार काम मे आता है;*
      *और हथौड़े से खुलने पर दुबारा काम का नही रहता।*
     *इसी तरह*
        *संबन्धों के ताले को*
           *क्रोध के हथौड़े से ...!!*
*बल्कि प्रेम की चाबी से खोलें।* 🙏

*दुनिया का सबसे*
      *खूबसूरत संगीत*
           *अपनी हार्टबीट है,*
       *क्योंकि इसे खुद..!!*
 *भगवान ने कंपोज किया है*
         *इसलिये हमेशा अपने* 
               *दिल की सुनें।।* 🙏
           
      *महफिल  थी दुआओं की  ,*
     *तो मैंने भी एक दुआ मांग ली !!"*

    *मेरे दोस्त सदा खुश रहें,*
    *मेरे साथ भी, मेरे बाद भी  !!* 🙏

     *🌹🙏शुभ प्रभात🙏🌹*
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

✒️एक कहानी 😊😊 स्वाकंन का पटाक्षेपन...

✒️एक कहानी😊😊

*स्वाकंन का पटाक्षेपन*
    ****************

उस दिन जॉब रोटेशन के तहत मुझे कैश काउंटर से हटा कर  miscellaneous पटल का काम दिया गया ।जहाँ मुझे RTGS, NEFT, DD, और 50000 रुपये से कम के लेन देन करने थे, मैं वही कर रहा था तभी मेरे कानों में आवाज आई 

" No one do their job properly  in government banks, you guys  just take  thick salary, do you not getting what i m asking for, you waste my  15 minutes."
जब देखा उधर तो पाया एक 21, 22 साल का लड़का हमारे 55 साल के दफ्तरी को english में भर भर के गरिया रहा था, पहले तो हँसी आयी के आज रामलाल फंस गया चक्कर में,
 फिर कुछ देर में ही ,उस लड़के की भाषा और वॉल्यूम दोनो तीखे हो गए,तो मैंने अपने काउंटर से आवाज़ लगाई "रामलाल क्या बात हैं क्या हुआ ?, क्या चाहिए भाई साब को "
रामलाल भाग के मेरे पास आया और बोला "साब पता नही का कह रहे है अंग्रेज़ी में हमे कुछ नही समझ आ रहा हैं,हम बताये के हमे अंग्रेजी नही आती तब भी, पर साब सबके सामने बेज़्ज़ती तो हो ही गयी बताओ कल का लौंडा सबके सामने गरिया रहा है वो भी अंग्रेज़ी में, बैंक वालो की तो कोई इज़्ज़त नही रही "

"कोई बात नही ,पब्लिक सर्विस में ये सब चलता है " मैंने रामलाल को समझाया 
"सर आप बताइए क्या काम है ?"  मैंने उस लड़के से कहा 
वो मेरे सामने एक चेक ले के आ गया और बोला " I WANT  CASH PAYMENT OF THIS CHEQUE. "और चेक मेरी ओर बढ़ा दिया ,
चेक जो हाथ में ले के, पहले तो हमने ढूंढा कही कोई गलती मिले, पर चेक एक दम सही था तो हमने चेक का छपाई वाला भाग ऊपर रख कर कहा "श्रीमान इस पर स्वाकंन पटाक्षेपित करें "और मैं फिर अपना काम करने लगा, 
कुछ देर में आवाज आई "SORRY , WHAT I HAVE TO DO ?"

मैंने फिर कहा -"श्रीमान इस पर स्वाकंन पटाक्षेपित करें"
और फिर अपना काम करने लगा,इस बार लगभग 3 ,4 मिनट बाद आवाज़ आयी "एक्सक्यूज़ मी, वैसे मुझे करना क्या हैं "
मैंने हल्के से मुस्कुराकर कहा " चेक के पीछे साइन करो "
बस फिर क्या वो वही बम की तरह फट पड़ा "आप ऐसे कैसे बात कर सकते हैं,मुझे कोई संस्कृत थोड़े आती हैं, जो संस्कृत बोल रहे हो "इतना कह के वो ब्रांच मैनेजर के पास शिकायत ले के पहुँचा  और बोला "वो बंदा मुझसे संस्कृत में बात कर रहा है,बताइए ग्राहक को क्या समझ आएगा, HE SHOULD USE THE LANGUAGE PEOPLE UNDERSTAND"
फिर मेरी पेशी हुई,
ब्रांच मैनेजर ने मुझसे जवाब मांगा की भाई कौन सी फ़ारसी पढ़ दिए तुम,"
मैंने कहा "सर मैंने तो बस इतना कहा था कि स्वांकन पटाक्षेपित करें"
ये सुनते ही मैनेजर साब की हँसी छूट गयी " तुम इतनी क्लिष्ठ हिंदी काहे बोलते हो की लोग उसे संस्कृत समझ ले"

वो लड़का अपने ऊपर चल रहे ये व्यंग्य बाण सहन नही कर पा रहा था, उसका लाल चेहरा इस बात की गवाही दे रहा था 

 "सर ,ये महोदय रामलाल को 15 मिनट तक इंग्लिश में समझा रहे थे जबकि ये अच्छी तरह समझ रहे थे कि उसे इंग्लिश नही आती,उसपे बैंक पे इल्ज़ाम की बैंकवाले बहुत समय लगाते हैं ,और कस्टमर को परेशान करते है ,कुछ आता जाता नही है मोटी तनख्वाह लेते है ,
ये चाहते तो मेरे पास या आपके पास आकर भी अपनी बात इंग्लिश में बताते तो एक मिनट में काम हो जाता,
अब हिंदुस्तान में रह के, ये क्या बोले english में ,मैं समझ गया, तो ये मेरी क़ाबलियत हैं  और ये हिंदुस्तान में रह के हिंदी नही समझ पाए ये इनकी नाकाबलियत है ",

ऐसा कह के मैंने उस लड़के की ओर देखा, (एकदम चोंगा सा मुँह बन गया था उसका) और कहा " "जेंटलमैन, भाषा सिर्फ दूसरो को अपनी बात समझाने का साधन मात्र है ना कि status symble, सामने वाले व्यक्ति को देख कर,जो भाषा उचित हो वही प्रयोग किया करो ...........आओ पेमेंट कर देते है " 
ऐसा कह के मैं अपने काउंटर पर चला गया, फिर वो भी सामने से आया और बोला "भैया !साइन कर दिया हैं, 500 के नोट देना "
"उसके जाने के बाद रामलाल एक कप चाय लाया और बोला साब चाय मेरी तरफ से .......धोते बहुत अच्छा हो आप ,..
क्या फटाफट इंग्लिश से हिंदी में ट्रांसलेट हो गया ,मज़ा आ गया"
😂😂😂😂😂

सभी शहीद जवानों को नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि 😢🙏।

आप सभी से निवेदन है  कि जहां तक संभव हो चीन के सभी उत्पादों का बहिष्कार करें और इसी कड़ी में कम से कम Tiktok और Hello जैसे जितने भी चायनीज एप्स हैं, उनको फौरन अपने मोबाइल से डिलीट कर दें। हमारे जवान चीनी सेना की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं  और हमारी सुरक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हुए हैं ।
सरकार अपने स्तर पर क्या करती है यह एक अलग विषय है लेकिन हमारे हाथ में जो है, वो तो हम कर ही सकते हैं और शायद हमारे शहीद जवानों के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी !!!

सभी शहीद जवानों को नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि  😢🙏।
🇳🇪🇳🇪 *जय हिन्द की सेना* 🇳🇪🇳🇪

19 ऊंट 🐪 की कहानी मजाक में मत लेना जी - Lesson

*19 ऊंट की कहानी*
मजाक में मत लेना जी

🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪🐪

एक गाँव में एक व्यक्ति के पास 19 ऊंट थे। 

एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। 

मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि:

मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को,19 ऊंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को, और 19 ऊंटों में से पांचवाँ हिस्सा मेरे नौकर को दे दिए जाएँ।

सब लोग चक्कर में पड़ गए कि ये बँटवारा कैसे हो ?

19 ऊंटों का आधा अर्थात एक ऊँट काटना पड़ेगा, फिर तो ऊँट ही मर जायेगा। चलो एक को काट दिया तो बचे 18 उनका एक चौथाई साढ़े चार- साढ़े चार. फिर?

सब बड़ी उलझन में थे। फिर पड़ोस के गांव से एक बुद्धिमान व्यक्ति को बुलाया गया।

वह बुद्धिमान व्यक्ति अपने ऊँट पर चढ़ कर आया, समस्या सुनी, थोडा दिमाग लगाया, फिर बोला इन 19 ऊंटों में मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो।

सबने सोचा कि एक तो मरने वाला पागल था, जो ऐसी वसीयत कर के चला गया, और अब ये दूसरा पागल आ गया जो बोलता है कि उनमें मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो। फिर भी सब ने सोचा बात मान लेने में क्या हर्ज है।

19+1=20 हुए।

20 का आधा 10, बेटे को दे दिए।

20 का चौथाई 5, बेटी को दे दिए।

20 का पांचवाँ हिस्सा 4, नौकर को दे दिए।

10+5+4=19 

बच गया एक ऊँट, जो बुद्धिमान व्यक्ति का था...

वो उसे लेकर अपने गॉंव लौट गया।

इस तरह 1 उंट मिलाने से, बाकी 19 उंटो का बंटवारा सुख, शांति, संतोष व आनंद से हो गया।

सो हम सब के जीवन में भी 19 ऊंट होते हैं।

5 ज्ञानेंद्रियाँ
(आँख, नाक, जीभ, कान, त्वचा)

5 कर्मेन्द्रियाँ
(हाथ, पैर, जीभ, मूत्र द्वार, मलद्वार)

5 प्राण
(प्राण, अपान, समान, व्यान, उदान)

और

4 अंतःकरण
(मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार)

कुल 19 ऊँट होते हैं। 

सारा जीवन मनुष्य इन्हीं 19 ऊँटो के बँटवारे में उलझा रहता है।

और जब तक उसमें *मित्र* रूपी ऊँट नहीं मिलाया जाता यानी के दोस्तों के साथ.... सगे-संबंधियों के साथ जीवन नहीं जिया जाता, तब तक सुख, शांति, संतोष व आनंद की प्राप्ति नहीं हो सकती।

यह है 19 ऊंट की कहानी...सभी ग्रुप मेंबर्स को समर्पित।🙏🏻

India vs China and Modi Factor

नेहरू जी की बात आज नही करूँगा क्योंकि उनके चीन वाले प्रकरण पर की किताबें लिखी जा चुकी हैं। 

*चीन के 43 जवानों को भारतीय सेना ने मार गिराया है और ये लगातार बढ़ रहे है हो सकता है सुबह तक 100 का आंकड़ा पार कर ले*


आज मोदी, यूपीए और मनमोहन काल की बात।
सोनिया   और मनमोहन वाले कांग्रेस के जमाने में भी एक बार ऐसे ही भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थी, तब मनमोहन सिंह जी ने दौलत बेग ओल्डी में भारत की सेना द्वारा बनाए गए बंकर को स्वयं तोड़ने का हुक्म देखकर सेनाओं को पीछे हटने के लिए कहा और इस प्रकार उन्होंने चीन से शांति स्थापित कर ली।

एक दो बार भारतीय सेना ने जब चीन से लगी सीमा पर रोड बनाने का प्रयास किया तो चीन ने ऑब्जेक्शन किया और मनमोहन सिंह जी के निर्देश पर रोड बनाने का काम रोक दिया गया और इस प्रकार कांग्रेस ने भारत चीन सीमा पर भारत द्वारा बनाई जा रही रोड का काम रुकवाकर शांति स्थापित कर ली।
2004 से 2014 तब इसी प्रकार पीछे हट हट कर शांति स्थापित करते रहे और भारत का सिर्फ लद्दाख सेक्टर में 700 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन ने शांति स्थापित करते हुए शांतिपूर्वक कब्जा कर लिया हमें भनक ही नही लगी और मनमोहन जी साइलेंट मोड़ में साइलेंट ही रहे। यह थी एकतरफा शांति की कीमत जो कांग्रेस ने चीन को दे दी।
इसके बाद आया मोदी का शासन काल, मोदी जी ने शुरू में ही कहा था ना आंख दिखाएंगे ना आंख झुकाएंगे मतलब ना दूसरे की सीमा में जाएंगे और ना अपनी सीमा में अतिक्रमण बर्दाश्त करेंगे।मोदी ने चीन से लगे अरुणाचल लद्दाख एवं अन्य सीमावर्ती इलाकों पर रोड बनाने का काम तेजी से किया, हवाई पट्टीयों का निर्माण और रिनोवेशन शुरू हुआ। चीनी सेना ने कई बार ऑब्जेक्शन किया मगर मोदी जी ने पीछे हट के शांति स्थापित करने वाली कांग्रेसी परंपरा को तिलांजलि दे दी थी। अतः रोड भी बनी और हवाई पट्टी भी, बस यहीं से चीन की असली पीड़ा शुरू हुई।
यहां तक कि भूटान देश के डोकलाम में जब भारत और चीन की सेना आमने सामने खड़ी थी तो वहाँ भी भारत शांति स्थापित करने के नाम पर पीछे नहीं हटा। आगे भी यही होता रहा। अब स्वाभाविक है जब आप पीछे नहीं हटेंगे और डकैत आपके आपके घर में आएगा उससे लड़ाई ही होगी और लड़ाई का परिणाम जो निकलेगा उसमें दोनों पक्ष का कुछ न कुछ नुकसान होगा । जैसे आज हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं और 45 चीनी सैनिक मारे गए तथा 80 घायल हुए हैं । आने वाले समय में ऐसी और भी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं क्योंकि हमने पीछे हटकर अपनी जमीन चीन को दे देने वाला शांति का मार्ग त्याग दिया है। आज संभव है चीन के 45 सैनिक मारे गए हैं और हमारे 20 बलिदान हुए इसलिए हम इस बात का संतोष कर सके कि हम ने जवाब दिया है। परंतु युद्ध में हर बार एक जैसे परिणाम नहीं निकलते हैं आशा है आप सभी समझ रहे होंगे कि क्या कहना चाह रहा हूं, स्ट्रैटेजिक पोजिशन के अनुसार यह स्थिति कभी कभार उलट भी हो सकती है।
अतः हल्की टिप्पणियां करने की जगह पर देश और सेना के साथ डटकर खड़े रहे यह 2020 का भारत है। चीनी नेतृत्व को मनमोहन, सोनिया और मोदी का अंतर बहुत बढ़िया से समझ में आ चुका है।

माना तुम चीनी फोन नहीं फेंक सकते, Start from This

माना तुम चीनी फोन नहीं फेंक सकते, 
माना तुम Laptop Computer नहीं फेंक सकते .
माना तुम कोई Electronic चीन की बनी चीज नहीं फेंक सकते .

लेकिन अगर इन 20 जवानों की शहादत का थोड़ा भी दुःख है तुम्हे, तो अपने फोन से टुच्ची सी Tiktok app को अभी uninstall कर दो !

आप पूछ सकते है इससे क्या होगा ?
 खाली एक App Uninstall करने से क्या होगा ?

तो सुनो एक बात गौर से !!

3 दिन के भीतर यदि सारे भारतीय इस चीनी Tiktok App को Uninstall कर दें | तो चीन पर एक तरह का मानिसक दबाव आ जायेगा !

किस बात का दबाव ??

चीनी सरकार सोचेगी , यदि 3 दिन में सभी भारतीय एकजुट होकर एक चीनी App Uninstall कर सकते हैं , तो आगे मिलकर क्या कर सकते हैं ! 🥺🥺

ये सोचकर ही चीन की पेंट गीली हो जायेगी, दोस्तों एक बात हमेशा याद रखना कि मानिसक दबाव बहुत बड़ी चीज होती है !! बड़े से बड़ा पहलवान यदि मन से हार जाए तो वो कुश्ती नहीं लड़ पायेगा !!

मित्रों हम सीमा पर जाकर लड़ नहीं सकते है, आज हम इतने ज्यादा चीनी सामानों से घिरें है सब सामान फेंक नहीं सकते हैं !!

मित्रों अपनी आत्मा से पूछों  !

लेकिन क्या हम सब मिलकर मात्र एक चीनी App  Phone से Uninstall नहीं कर सकते ??

क्या हम ये छोटा सा काम करके हम चीन की सरकार पर मानसिक दबाव नहीं बना सकते ?? 

क्या हम सीमा पर लड़ रहे अपने जवानों के इतना सहयोग नहीं दे सकते ??

हम बिलकुल कर सकतें दोस्तों !!

तो आओ इस मुहीम को शुरू करे , अपने Phone से इस Tiktot App को अभी Uninstall करिए ! उसका Screenshot लेकर सोशल मीडिया पर share करें !!

अपने दोस्तों, रिश्तेदारों सबको प्रेरित करें !! इस मैसेज आग की तरह सब ओर share करें | copy paste करें, जो करना है करें !

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#I_Uninstalled_Tiktok

जय हिंद ! वन्दे मातरम !!

👌 बहुत सुंदर मैं एक गृह प्रवेश की पूजा में गया थापंडितजी पूजा करा रहे थे । आज का ज्ञान।

*👌🏻बहुत सुंदर 👌🏻*

मैं एक गृह प्रवेश की पूजा में गया था
पंडितजी पूजा करा रहे थे ।

पंडितजी ने सबको हवन में शामिल होने के लिए बुलाया । सबके सामने हवन सामग्री रख दी गई । पंडितजी मंत्र पढ़ते और कहते, “स्वाहा ।”

लोग चुटकियों से हवन सामग्री लेकर अग्नि में डाल देते, गृह मालिक को स्वाहा कहते ही अग्नि में घी डालने की ज़िम्मेदीरी सौंपी गई ।

हर व्यक्ति थोड़ी सामग्री डालता, इस आशंका में कि कहीं हवन खत्म होने से पहले ही सामग्री खत्म न हो जाए, गृह मालिक भी बूंद-बूंद घी डाल रहे थे । उनके मन में भी डर था कि घी खत्म न हो जाए ।

मंत्रोच्चार चलता रहा, स्वाहा होता रहा और पूजा पूरी हो गई, सबके पास बहुत सी हवन सामग्री बची रह गई ।

"घी तो आधा से भी कम इस्तेमाल हुआ था ।"

हवन पूरा होने के बाद पंडितजी ने कहा कि आप लोगों के पास जितनी सामग्री बची है, उसे अग्नि में डाल दें । गृह स्वामी से भी उन्होंने कहा कि आप इस घी को भी कुंड में डाल दें ।

एक साथ बहुत सी हवन सामग्री अग्नि में डाल दी गई । सारा घी भी अग्नि के हवाले कर दिया गया । पूरा घर धुंए से भर गया । वहां बैठना मुश्किल हो गया, एक-एक कर सभी कमरे से बाहर निकल गए ।

अब जब तक सब कुछ जल नहीं जाता, कमरे में जाना संभव नहीं था । काफी देर तक इंतज़ार करना पड़ा, सब कुछ स्वाहा होने के इंतज़ार में ।
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......मेरी कहानी यहीं रुक जाती है ।
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उस पूजा में मौजूद हर व्यक्ति जानता था कि जितनी हवन सामग्री उसके पास है, उसे हवन कुंड में ही डालना है । पर सभी ने उसे बचाए रखा कि आख़िर में सामग्री काम आएगी या खत्म न हो जाए ?

ऐसा ही हम करते हैं । यही हमारी फितरत है । हम अंत के लिए बहुत कुछ बचाए रखते हैं । जो अंत मे जमीन जायदाद और बैंक बैलेंस के रूप में यहीं पड़ा रह जाता है।😞

*ज़िंदगी की पूजा खत्म हो जाती है और हवन सामग्री बची रह जाती है । हम बचाने में इतने खो जाते हैं कि यह भी भूल जाते है कि सब कुछ होना हवन कुंड के हवाले ही है, उसे बचा कर क्या करना । बाद में तो वो सिर्फ धुंआ ही होना है !!*

*"संसार" हवन कुंड है और "जीवन" पूजा ।*

एक दिन सब कुछ हवन कुंड में समाहित होना है।

*अच्छी पूजा वही है, जिसमें...*
*"हवन सामग्री का सही अनुपात में इस्तेमाल हो" न सामग्री खत्म हो ! न बची रह जाए !! यही मेनेजमेन्ट करना है !!!*

*🙏🌹जय श्री राधे राधे जी 🌹🙏*

दुनियां से बात करने के लिए*"फोन"* की जरूरत होती है! GM

*🌹🙏सुप्रभात🙏🌹*
 
*"दुनियां"* से बात करने के लिए
*"फोन"* की जरूरत होती है!
             और 
*"प्रभु"* से बात करने के लिए 
*"मौन"* की जरूरत होती है!! 
*"फोन"* से बात करने पर 
*"बिल"* देना पड़ता है, 
            और 
*"ईश्वर"* से बात करने पर 
*"दिल"* देना पड़ता है! 
*"माया"* को चाहने वाला 
*"बिखर"* जाता है! 
*"भगवान"* को चाहने वाला 
*"निखर"* जाता है!!
आप सभी का दिन शुभ व मंगलमय हो...!!
 *🌹🙏जय श्री कृष्ण🙏🌹*

Wednesday, 17 June 2020

India vs China - Brilliant Suggestion, Everyone will agree

भारत में जितने भी बैंक खाता धारक है उनके खाते से सिर्फ "एक रुपया"उस वक़्त स्वतः ही कट जाए जब कोई भी सैनिक बॉर्डर पर हमारे लिए शहीद हो,
और वो पैसा उस शहीद सैनिक के परिवार को मिल जाए ऐसी व्यवस्था सरकार करे,
सुझाव अच्छा लगे तो यह तीन लोगों को शेयर करे, ओर
उनसे बोलो वो तीन तीन लोगों को शेयर करे 
I'm agree 
I'll send it to 3 people

अपने बच्चों को हारना भी सिखाइये और हार को सकारात्मक रूप से लेना भी

अपने बच्चों को हारना भी सिखाइये और हार को सकारात्मक रूप से लेना भी वरना वो हलका सा झटका भी न झेल पाएंगे । 1970 और 1980 के दशक में पैदा हुए अधिकांश बच्चे अपने अभिभावकों से इतनी बार कूटे गए हैं कि मुझे लगता है इनसे मजबूत शायद ही कोई हो । कई बार तो बिना गलती के भी कूट दिए जाते थे। घर में कोई हथियार नहीं बचा जिससे पेला नहीं गया हो चप्पल, फूंकनी, चिमटा, कपडे धोने का सोटा, पानी का पाइप, झाड़ू आदि का प्रयोग हुआ और आज देखो हम अपने बच्चों के एक थप्पड़ भी नहीं मार सकते, जब से एक या दो बच्चों का चलन चल निकला था बस वहीँ से पिटाई कम होते होते बंद हुई है ।
हमारे समय तो पूरा मोहल्ला एक परिवार कि तरह  होता था, मोहल्ले के चाचा ताऊ भी मौका मिलते ही हाथ साफ कर लेते थे आज किसी के बच्चे को डाटं भी नहीं सकते ।
हम भी तभी की पैदावार हैं और इतने पक्के हो चुके हैं कि आत्महत्या तो दूर की बात सामने वाले को आत्महत्या करने पे मजबूर कर दें । जीवन में डिप्रेशन के उतार चढ़ाव देख के इतने ढीट हो चुके हैं कि अब जब भी जीवन में डिप्रेशन वाली सिचुएशन आती है तो सबसे पहले हंसी ही छूटती है।🤣🤣

डिप्रेशन क्यों श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा.!

*डिप्रेशन क्यों* .....

*श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा.!*
*पहले माँ छूटी, फिर पिता छूटे.!* 
*फिर जो नंद-यशोदा मिले, वे भी छूटे.।*
*संगी-साथी छूटे.*
*राधा भी छूटीं.।*
*गोकुल छूटा, फिर मथुरा छूटी.।*
*श्रीकृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा.!*
*नहीं छूटा तो देवत्व, मुस्कान और सकारात्मकता.।*
*श्रीकृष्ण दुःख नहीं, उत्सव के प्रतीक हैं.।*
*सब कुछ छूटने पर भी, कैसे खुश रहा जा सकता है, यह 'श्री कृष्ण' से अच्छा कोई नहीं सिखा सकता.!*

😊 *इसलिए हमेशा खुश रहें, सदा मुस्कुराते रहें, परिवार के साथ औरों को भी हँसाते रहें, व्यस्त रहें..*
    🙏जय श्री कृष्ण🙏

प्रतिदिन 10 से 30 मिनट टहलने की आदत बनाये...

1. प्रतिदिन 10 से 30 मिनट टहलने की आदत बनायें. टहलते समय चेहरे पर मुस्कराहट रखें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

2. प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट चुप रहकर बैठें. 

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

3. पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा पुस्तकें पढ़ें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

4. 70 साल की उम्र से अधिक आयु के बुजुर्गों और 6 साल से कम आयु के बच्चों के साथ भी कुछ समय व्यतीत करें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

5. प्रतिदिन खूब पानी पियें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

6. प्रतिदिन कम से कम तीन लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

7. गपशप पर अपनी कीमती ऊर्जा बर्बाद न करें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

8. अतीत के मुद्दों को भूल जायें, अतीत की गलतियों को अपने जीवनसाथी को याद न दिलायें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

9. एहसास कीजिये कि जीवन एक स्कूल है और आप यहां सीखने के लिये आये हैं. जो समस्याएं आप यहाँ देखते हैं, वे पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं. 

               *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

10. एक राजा की तरह नाश्ता, एक राजकुमार की तरह दोपहर का भोजन और एक सेठ की तरह शाम का खाना खायें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

11. दूसरों से नफरत करने में अपना समय व ऊर्जा बर्बाद न करें. नफरत के लिए ये जीवन बहुत छोटा है. 

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

12. आपको हर बहस में जीतने की जरूरत नहीं है, असहमति पर भी अपनी सहमति दें.

               *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

13. अपने जीवन की तुलना दूसरों से न करें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

 
14. गलती के लिये गलती करने वाले को माफ करना सीखें.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

15. ये सोचना आपका काम नहीं कि दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

16. समय ! सब घाव भर देता है. 

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

17. ईर्ष्या करना समय की बर्बादी है. जरूरत का सब कुछ आपके पास है. 

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

18. प्रतिदिन दूसरों का कुछ भला करें. 

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

19. जब आप सुबह जगें तो अपने माता-पिता को धन्यवाद दें, क्योंकि माता-पिता की कुशल परवरिश के कारण आप इस दुनियां में हैं.

                *꧁ ||जय जिनेन्द्र ||꧂*

20. हर उस व्यक्ति को ये संदेश शेयर करें जिसकी आप परवाह करते हैं.

Tuesday, 16 June 2020

RIP Sushant Singh Rajput - आइये जाने कुछ रोचक तथ्य।

4 करोड़ की मज़राती कार
ढाई करोड़ की रेंज रोवर
16 लाख की BMW बाइक
60 करोड़ की प्रॉपर्टी
और इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का इकलौता ऐक्टर था, जिसने चाँद पर लूनर प्रॉपर्टी के थ्रू पीस ऑफ लैंड खरीद रखा था ।

लेकिन इन सब के ऊपर डिप्रेशन भारी पड़ा और बन्दा फांसी लगा के खत्म हो गया ।

अपनो से मिलते रहिये, बात करते रहिए । एक ही दिल है, उसमे खुशियां भरिये, डिप्रेशन नही ।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻

प्रेरक कहानी ❤️ कर्म का सिद्धांत..

*प्रेरक कहानी*
          *कर्म का सिद्धांत* 
अचानक अस्पताल में एक एक्सीडेंट का केस आया ।
अस्पताल के मालिक डॉक्टर ने तत्काल खुद जाकर आईसीयू में केस की जांच की। 
अपने स्टाफ को कहा कि इस व्यक्ति को किसी प्रकार की कमी या तकलीफ ना हो।उसके इलाज की सारी व्यवस्था की।
रुपए लेने से भी या मांगने से भी मना किया।

15 दिन तक मरीज  अस्पताल में रहा। 
जब बिल्कुल ठीक हो गया और उसको डिस्चार्ज करने का दिन है, तो उस मरीज का बिल अस्पताल के मालिक  डॉक्टर की टेबल पर आया।
डॉक्टर ने अपने अकाउंट  मैनेजर को बुला करके कहा 
इस व्यक्ति से एक पैसा भी नहीं लेना है।
अकाउंट मैनेजर ने कहा कि डॉक्टर साहब तीन लाख का बिल है।
नहीं लेंगे तो कैसे काम चलेगा। 
डॉक्टर ने कहा कि दस लाख का भी क्यों न हो। एक पैसा भी नहीं लेना है। 
ऐसा करो तुम उस मरीज को लेकर मेरे चेंबर में आओ, और तुम भी साथ में जरूर आना। 
मरीज व्हीलचेयर पर चेंबर में लाया गया।
साथ में मैनेजर भी था।
डॉक्टर ने मरीज से पूछा 
प्रवीण भाई! मुझे पहचानते हो!
मरीज ने कहा लगता तो है कि मैंने आपको कहीं देखा है। 
डॉक्टर ने याद दिलाया।
एक परिवार पिकनिक पर गया था। लौटते समय कार बंद हो गयी और अचानक कार में से धुआं निकलने लगा। 
कार एक तरफ खड़ी कर थोड़ी देर हम लोगों ने चालू करने की कोशिश की, परंतु कार चालू नहीं हुई।
दिन अस्त होने वाला था। अंधेरा थोड़ा-थोड़ा घिरने लगा था। चारों और जंगल और सुनसान था।
परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर चिंता और भय की लकीरें दिखने लगी। पति, पत्नी, युवा पुत्री और छोटा बालक। सब भगवान से प्रार्थना करने लगे कि कोई मदद मिल जाए।
थोड़ी ही देर में चमत्कार हुआ।
मैले कपड़े में एक युवा  बाइक से उधर आता हुआ दिखा।
हम सब ने दया की नजर से हाथ ऊंचा करके उसको रुकने का इशारा किया। 
यह तुम ही थे ना प्रवीण!
तुमने गाड़ी खड़ीकर हमारी परेशानी का कारण पूछा। 
फिर तुम कार के पास गए।कार का बोनट खोला और चेक किया।
हमारे परिवार को और मुझको ऐसा लगा कि जैसे भगवान् ने हमारी मदद करने के लिए तुमको भेजा है। 
क्योंकि बहुत सुनसान था ।अंधेरा भी होने लगा था। और जंगल घना था। 
वहां पर रात बिताना बहुत मुश्किल था और खतरा भी बहुत था।
तुमने हमारी कार चालू कर दी। 
हम सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।

मैंने जेब से बटुआ निकाला और तुमसे कहा 
भाई सबसे पहले तो तुम्हारा बहुत आभार।
रुपए पास होते हुए भी ऐसी मुश्किल में मदद नहीं मिलती।
तुमने ऐसे कठिन समय में हमारी मदद की, इस मदद की कोई कीमत नहीं है।अमूल्य है।
परंतु फिर भी मैं पूछना चाहता हूं बताओ कितने पैसे दूं। 
*उस समय तुमने मेरे से हाथ जोड़कर जो शब्द कहे वह शब्द मेरे जीवन की प्रेरणा बन गये।*
तुमने कहा 
*मेरा नियम और सिद्धांत है कि मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद के बदले कभी पैसे नहीं लेता।*
*मैं मुश्किल में पड़े हुए लोगों से कभी भी मजदूरी नहीं लेता। मेरी इस मजदूरी का हिसाब भगवान् रखते हैं। एक गरीब और सामान्य आय का व्यक्ति अगर इस प्रकार के उच्च विचार रखे, और उनका संकल्प पूर्वक पालन करे, तो मैं क्यों नहीं कर सकता।*
यह बात मेरे मन में आई। मेरे मन ने धीरे से मेरी अन्तरआत्मा से पूंछा।
तुमने कहा कि यहां से दस किलोमीटर आगे मेरा गेराज  है। मैं गाड़ी के पीछे पीछे चल रहा हूं। गैराज़ पर चलकर के पूरी तरह से गाड़ी चेक कर लूंगा।
और फिर आप यात्रा करें।
दोस्त यह बात, यह घटना पूरे तीन साल होने को आ गए ।
मैं न तो तुमको भुला ना तुम्हारे शब्दों को। 
*और मैंने भी अपने जीवन में वही संकल्प ले लिया तीन साल हो गए। मुझे कोई कमी नहीं पड़ी। मुझे मेरी अपेक्षा से भीअधिक मिला। क्योंकि मैं भी तुम्हारे सिद्धांत के अनुसार चलने लगा।*
*और एक बात मैंने सीखी कि  बड़ा दिल तो गरीब और सामान्य लोगों का ही होता है।*
उस समय मेरी तकलीफ देखकर तुम चाहे जितने पैसे मांग सकते थे। 
परंतु तुमने पैसे की बात ही नहीं की। 
पहले कार चालू की और फिर भी कुछ भी नहीं लिया।
यह अस्पताल मेरा है। तुम यहां मेरे मेहमान बनकर आए।
*मैं तुमसे कुछ भी नहीं ले सकता।*
प्रवीण ने कहा कि साहब आपका जो खर्चा है वह तो ले लो।
डॉक्टर ने कहा कि मैंने अपना परिचय का कार्ड तुमको उस वक्त नहीं दिया *क्योंकि तुम्हारे शब्दों ने मेरी अंतरात्मा को जगा दिया।*
*मैं भगवान् से प्रार्थना करता था कि जिसने मुझे इतनी  बड़ी प्रेरणा दी, उस व्यक्ति का कर्ज चुकाने का मौका कभी मुझे मिले।*
और आज ऐसा अवसर आया कि मैं तुम्हारा कर्ज़ चुका पाया।
अब मैं भी अस्पताल में आए हुए ऐसे संकट में पड़े लोगों से कुछ भी नहीं लेता हूँ। 
यह ऊपर वाले ने तुम्हारी मजदूरी का हिसाब रखा और वह मजदूरी का हिसाब आज उसने चुका दिया। 
मेरी मजदूरी का हिसाब भी ऊपर वाला रखेगा और कभी जब मुझे जरूरत होगी, जरूर चुका देगा। 
अकाउंट मैनेजर से डॉक्टर ने कहा कि 
ज्ञान पाने के लिए जरूरी नहीं कि कोई गुरु या महान पुरुष ही हो। एक सामान्य व्यक्ति भी हमारे जीवन के लिए बड़ी शिक्षा और प्रेरणा दे सकता है। 
प्रवीण से डॉक्टर ने कहा 
तुम आराम से घर जाओ, और कभी भी कोई तकलीफ हो तो बिना संकोच के मेरे पास आ सकते हो, और आना।
यह याद रखो कि समय बदलता रहता है।

प्रवीण ने मेरे चेंबर में रखी भगवान की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर कहा कि 
हे प्रभु आपकी कृपा से मुझे आज मेरे कर्म का पूरा हिसाब ब्याज सहित मिला है।
*अतः प्रभु में आस्था व दृढ़ विश्वास के साथ सदैव याद रखिए कि यदि अच्छा पाना चाहते हो तो सदैव अच्छा करते रहिए, जो काटना चाहते हो वही बोइये।*

        *जय श्री राम*

चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी.?🤔

✍️
*चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी.?*
*मयंक गुप्ता • स्वास्थ्य।*

*उस समय Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबुन भी दुर्लभ वस्तुओं की श्रेणी आता था। तो उस समय हाथ धोने के लिए जो सर्वसुलभ वस्तु थी, वह थी चूल्हे की राख। जो बनती थी लकड़ी तथा गोबर के कण्डों के जलाये जाने से।*

*चूल्हे की राख का संगठन है ही कुछ ऐसा। आइये चूल्हे की राख का वैज्ञानिक विश्लेषण करें।*

*राख में वो सभी तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों में उपलब्ध होते हैं। ये सभी Major तथा Minor Elements पौधे, या तो मिट्टी से ग्रहण करते हैं या फिर वातावरण से।*

*सबसे अधिक मात्रा में होता है Calcium। इसके अलावा होता है Potassium, Aluminium, Magnesium, Iron, Phosphorus Manganese, Sodium तथा Nitrogen। कुछ मात्रा में Zinc, Boron, Copper, Lead, Chromium, Nickel, Molybdenum, Arsenic, Cadmium, Mercury तथा Selenium भी होता है।*

*राख में मौजूद Calcium तथा Potassium के कारण इसकी ph 9 से 13.5 तक होती है। इसी ph के कारण जब कोई व्यक्ति हाथ में राख लेकर तथा उस पर थोड़ा पानी डालकर रगड़ता है तो यह बिल्कुल वही माहौल पैदा करती है जो साबुन रगड़ने पर होता है। जिसका परिणाम होता है जीवाणुओं और विषाणुओं का खात्मा।*

*आइये, अब मनन करें सनातन धर्म के उस तथ्य पर जिसे अब सारा संसार अपनाने पर विवश है।*
🙏

तनाव के उन क्षणों में मजबूत लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं..

तनाव के उन क्षणों में मजबूत लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं..
वो लोग जिनके पास सब कुछ है 
शान ... शौकत ... रुतबा ... पैसा .. इज्जत 
इनमें से कुछ भी उन्हें नहीं रोक पाता ..  

तो फिर क्या कमी रह जाती है ???

कमी रह जाती है उस ऊँचाई पर 
एक अदद दोस्त की

कमी होती है  उस मुकाम पर
 एक अदद राजदार की

एक ऐसे दोस्त की जिसके साथ "चांदी के कपों" में नहीं 
किसी छोटी सी चाय के दुकान पर बैठ 
सकते ..

जो उन्हें बेतुकी बातों से जोकर बन कर  हंसा पाता ...

वह जिससे अपनी दिल की बात कह हल्के हो सके..
वह जिसको देखकर
अपना स्ट्रेस भूल सके

वह दोस्त
वह यार 
वह राजदार 
वह हमप्याला
उनके पास नहीं होता 
जो कह सके तू सब छोड़ ... चाय पी मैं हूं ना तेरे साथ ...
और आखिर में 
यही मायने कर जाता है...

सारी दुनिया की धन दौलत
एकतरफ...सारा तनाव एक तरफ ..

वह दोस्त वह एक तरफ !!!

लेकिन अगर आपके पास 
वह दोस्त है
वह यार है

तो कीमत समझिये उसकी... 

चले जाइए एक शाम उसके साथ 
चाय पर ... 

जिंदगी बहुत हसीन बन जाएगी...... 

याद रखिए आपके तनाव से यदि कोई लड़ सकता है तो वो है आपका दोस्त और उसके साथ की एक कप गर्म चाय !!!

: डरते थे कभी तन्हाई से बीमार न पड़ जायें,
अब महफ़िलो से खौफ है कि रोग न ले आये।
ना जाने कैसी गुस्ताखी हम कर गये,
कि चेहरे पर नक़ाब लगाने पड़ गये।
इस घुटन से कब निकल पाएँगे,
खुली हवा में साँस कब ले पाएँगे।
उन्हें शिकायत है कि घर पर नहीं मिलते है,
अब हैं तो वो घर के पास भी नहीं फटकते है।
कोरोना हमारा कीमती खजाना ले गया,
दोस्तों के साथ बैठे जैसे ज़माना हो गया।

सभी दोस्तों को समर्पित । 🌹

कोरोना वायरस से बचने के लिए भी Alcohol..Strange

*कोरोना वायरस से बचने के लिए भी Alcohol*

*घाव साफ करने के लिए भी Alcohol*

*तनाव को दूर करने के लिए भी Alcohol*........ !!!*

*वोट लेने के लिए भी Alcohol* 

*अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भी Alcohol*

*हे प्रभु कहीं हम धरतीवासीयों  ने अमृत को पहचानने मे देर तो नहीं कर दी *!!!* 
🤣🤣🤣🤣

जो वायरस,साबुन,हैंड वाश,सेनेटाइजर से खत्म हो जाता है।

*विचित्र किंतु सत्य*
🐡🐡🐡🐡🐡 
*जो वायरस,साबुन,हैंड वाश,सेनेटाइजर से खत्म हो जाता है।*
*🧴🧴उसकी दवाई नहीं बन पा रही है।*
🤔🤔🤔🤔🤔🤔

Mythology explains life - पहली बात, महाभारत में.. आज ही साझा करें।

Mythology explains life...

*पहली बात,*
*महाभारत में*
*कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछी...*

मेरी माँ ने मुझे जन्मते ही त्याग दिया,
क्या ये मेरा अपराध था कि मेरा जन्म
एक अवैध बच्चे के रूप में हुआ?

*दूसरी बात*
*महाभारत में*
*कर्ण ने श्रीकृष्ण से पूछी...*

दोर्णाचार्य ने मुझे शिक्षा देने से मना
कर दिया था क्योंकि वो मुझे क्षत्रीय
नहीं मानते थे, क्या ये मेरा कसूर था.

*तीसरी बात*
*महाभारत में*
*कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछी...।*

द्रौपदी के स्वयंवर में मुझे अपमानित
किया  गया,  क्योंकि  मुझे  किसी
राजघराने का कुलीन व्यक्ति नहीं
समझा गया.

*श्री कृष्ण मंद मंद मुस्कुराते*
*हुए कर्ण को बोले, सुन...*

हे कर्ण, मेरा जन्म जेल में हुआ था.
मेरे पैदा होने से पहले मेरी मृत्यु
मेरा   इंतज़ार   कर   रही   थी.
जिस रात मेरा जन्म हुआ, उसी रात
मुझे माता-पिता से अलग होना पड़ा.
मैने गायों को चराया और गायों के
गोबर को अपने हाथों से उठाया.
जब मैं चल भी नहीं पाता था, तब
मेरे ऊपर प्राणघातक हमले हुए.
      मेरे पास
कोई सेना नहीं थी,
कोई शिक्षा नहीं थी,
कोई गुरुकुल नहीं था,
कोई महल नहीं था,
       फिर भी
मेरे मामा ने मुझे अपना
सबसे बड़ा शत्रु समझा.
बड़ा होने पर मुझे ऋषि
सांदीपनि के आश्रम में
जाने का अवसर मिला.
जरासंध के प्रकोप के कारण, मुझे अपने
परिवार को यमुना से ले जाकर सुदूर प्रान्त,
समुद्र के किनारे द्वारका में बसना पड़ा.

*हे कर्ण...*
किसी का भी जीवन चुनौतियों से
रहित नहीं है.  सबके जीवन में
सब   कुछ   ठीक   नहीं   होता.
सत्य क्या है और उचित क्या है?
ये हम अपनी आत्मा की आवाज़
से   स्वयं   निर्धारित   करते   हैं.
इस बात से *कोई फर्क नहीं पड़ता,*
कितनी बार हमारे साथ अन्याय होता है.
इस बात से *कोई फर्क नहीं पड़ता,*
कितनी बार हमारा अपमान होता है.
इस बात से भी *कोई फर्क नहीं पड़ता,*
कितनी बार हमारे अधिकारों का हनन
होता है.
*फ़र्क़ तो सिर्फ इस बात से पड़ता है*
*कि हम उन सबका सामना किस प्रकार ज्ञान  के साथ करते हैं.*
*ज्ञान है तो ज़िन्दगी हर पल मौज़ है,*
*वरना समस्या तो सभी के साथ रोज है.*
🌹🙏ओउम् नमो भगवते वासुदेवाय 🙏🌹🕉️

"राम युग" में "दूध" मिले,और "कृष्ण युग" में "घी"!

"राम युग"  में "दूध" मिले,
और "कृष्ण युग" में  "घी"!
"कोरोना युग" में "दारु" मिले,
"डिस्टेंस" बना  कर  पी!
😜 😂 🍾🥃 😅 🙃
दुनिया लेके बैठी थी "परमाणु"
और ठोक गया एक "कीटाणु" 
जब जलने लगे अर्थव्यवस्था के फेफड़े
तब सरकार को याद आये बेवडे!

कल रात सपने में आया कोरोना..
उसे देख जो मैं डरा..
तो मुस्कुरा के बोला :-- मुझसे डरो ना..!

कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति..
न चूमते, न गले लगाते..
दोनों हाथ जोड़ कर तुम स्वागत करते..!
वही करो ना.. मुझसे डरो ना...!

कहाँ से सीखा तुमने ??
रूम स्प्रे, बॉडी स्प्रे..
पहले तो तुम धूप,दीप,कपूर, 
अगरबत्ती,लोभान जलाते..
वही करो ना..मुझसे डरो ना..!

शुरू से तुम्हें सिखाया गया..
अच्छे से हाथ पैर धोकर घर में घुसो..
मत भूलो अपनी संस्कृति..
वही करो ना.. मुझसे डरो ना..!

सादा भोजन उच्च विचार..
यही तो है तेरे संस्कार..
उन्हें छोड़ जंक फूड, फ़ास्ट फूड के 
चक्कर में पड़ो ना..मुझसे डरो ना..!

शुरू से ही पशु पक्षियों को 
पाला पोसा प्यार दिया..
रक्षण की है तुम्हारी संस्कृति..
उनका भक्षण करो ना..मुझसे डरो ना..!

कल रात सपने में आया 
"कोरोना".. बोला..
अपनी संस्कृति का ही 
पालन करो ना...मुझसे डरो ना..!
🙏 सतर्क रहो स्वस्थ रहो मस्त रहो 🙏

जरा इस पोस्ट को आगे फैलाना, मजाक बना रखा है मरीजो का।।

1 भारतीय ने जॉब छोड़कर कनाडा के 1 बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में सेल्समेन की नोकरी ज्वाइन की।

बॉस ने पूछा:- तुम्हे कुछ तज़ुर्बा है? उसने कहा कि हा थोड़ा बहुत है 

पहले दिन उस भारतीय ने पूरा मन लगाकर काम किया।
शाम के 6 बजे बॉस ने पूछा:- आज पहले दिन तुमने कितने सेल किये?

भारतीय ने कहा कि सर मैंने 1 सेल किया।

 बॉस चौंककर बोले:- क्या मात्र 1 ही सेल।
सामान्यत: यहाँ कार्य करने वाले हर सेल्समेन 20 से 30 सेल रोज़ाना करते हैं। अच्छा ये बताओं तुमने कितने रूपये का सेल किया।

93300 डॉलर । भारतीय बोला।

क्या! 

लेकिन तुमने यह कैसे किया? आश्चर्यजनक रूप से बॉस ने पूछा।

भारतीय ने कहा:- 1 व्यक्ति आया और मैंने उसे एक छोटा मछली पकड़ने का हुक बेचा।
फिर एक मझोला और फिर अंततः एक बड़ा हुक बेचा। फिर उसे मैंने 1 बड़ी फिशिंग रॉड और कुछ फिशिंग गियर बेचे।

फिर मैंने उससे पूछा कि तुम कहा मछली पकड़ोगे और उसने कहा कि वह कोस्टल एरिया में पकड़ेगा। 
तब मैंने कहा कि इसके लिए 1 नाव की ज़रूरत पड़ेगी। अतः मैं उसे नीचे बोट डिपार्टमेंट में ले गया और उसे 20 फीट की डबल इंजन वाली स्कूनर बोट बेच दी। 
जब उसने कहा कि यह बोट उसकी वोल्कस वेगन में नहीं आएगी।

तब मैं उसे अपने ऑटो मोबाइल सेक्शन में ले गया और उसे बोट केरी करने के लिए नई डीलक्स 4 × 4 ब्लेज़र बेचीं। और जब मैंने उसे पूछा कि तुम मछली पकड़ते वक़्त कहा रहोगे। उसने कुछ प्लान नहीं किया था। तो मैं उसे कैम्पिंग सेक्शन में ले गया और उसे six sleeper camper tent बेच दिया।
और तब उसने कहा कि उसने जब इतना सब कुछ ले ही लिया है तो 200 डॉलर की ग्रासरी और बियर के 2 केस भी लेगा।

अब बॉस 2 कदम पीछे हटा और बेहद ही भौचक्के अंदाज़ में पूछने लगा:- *तुमने इतना सब उस आदमी को बेच दिया जो केवल 1 fish hook खरीदने आया था*?

"NO, SIR,"
*वह तो केवल सरदर्द दूर करने की 1 टेबलेट लेने आया था। मैंने उसे समझाया कि मछली पकड़ना सरदर्द दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है*।

बॉस:- तुमने इसके पहले भारत में कहा काम किया था?

भारतीय :- जी मैं *प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर था* घबराहट की मामूली शिकायत पर हम लोग, मरीजों से पैथोलॉजी, ईको, ईसीजी, टीएमटी,सी टी स्केन,एक्सरे, एम आर आई इत्यादि टेस्ट करवाते हैं।

बॉस:- तुम मेरी कुर्सी पर बेठो। मैं इंडिया मे ट्रेनिंग के लिये प्राइवेट हॉस्पिटल ज्वाईन करने जा रहा हूँ।
😥🤥😟

जरा इस पोस्ट को आगे फैलाना, मजाक बना रखा है मरीजो का ..😀😀😀

सभी भाइयों से निवेदन है - जरूरतमंद को बताए।

सभी भाइयों से निवेदन है कि अपने आसपास जेसे हाथ ठेला चलाने वाले,सब्जी का ठेला लगाने वाले, चाय कि गुमटी लगाने वाले,या फुटपाथ पर मजदूरी करने वाले भाईयो के लिए *(मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार का पंजीयन)* हो रहे है यह पंजीयन 26.6.2020 तक ही होगें.इस पंजीयन से 10000(दस हजार) का लोन पंजीयन कराने वाले को प्रदान किया जायेगा,ओर इस लोन पर 7%सबसिडी सरकार कि तरफ से दि जा रही है.🙏आपसे निवेदन है अापके आसपास अगर किसी व्यक्ति को इस लोन की आवश्यकता हो तो अपने आसपास MP online केन्द्र पर जाकर पंजीयन करा सकते.. हैं(पंजीयन कि आखिरी तारिख 26.6.2020 है)
--पंजीयन मे लगने वाले कागज़--
1.आधार कार्ड 
2.सम्रग आईडी 
3.बैक पासबुक चालु खाते कि
4.मोबाइल नं.जो आधार से लिंक हो.
🙏अपने आसपास जरूरतमंद को बताए।

जीवन में आगे बढ़ना है तो कभी कभी बहरे हो जाओ - GN मैसेज।

*_जीवन में आगे बढ़ना है तो कभी कभी बहरे हो जाओ ...!_*
*_क्योंकि अधिकतर लोगों की बातें मनोबल गिराने वाली होती हैं ... !!_* 

*_शुभ रात्री ..._*

Please do not send Good Morning Wishes/Messages - Why, Read Here

Please do not send Good Morning Wishes/Messages.
 Please read this warning coming from China from the Shanghai International News today it sent an SOS to all subscribers  (this is the third reminder) that experts advise & recommend: Please don't send Good morning, good night, or any funny festivals greetings such as pictures & movies etc..The reports state that hackers in China have designed the pictures, movies so perfectly for hiding phishing codes within them, when everybody forwards and sends those, they will go and steal personal information from your device. It is reported that more than 500,000 fraud victims have already been scammed. If you would like to greet one another, type your own message to protect yourself, as well as protecting your family and friends.
 (Very important). Delete all previously and later greeting designs, pictures for your own safety, and that of friends to avoid hackers phishing. THEY CONTAIN EMBEDDED "GIFs" PROGRAMS that steal your personal data, Credit Card numbers and Pin's.  Greet each other by typing own words or use completely self made picture, videos. Self created material is completely safe.

Please forward this to your contacts so you don't continue receiving the day and morning greetings that are pre-made.

दोनों हाथ उलीचिए यही सज्जन को काम - लघु कथा।

*दोनों हाथ उलीचिए यही सज्जन को काम*

कल मैं एक सूफी कहानी पढ़ता था। एक गरीब खानाबदोश तीर्थयात्रा से वापस लौट रहा था। रास्ते में उसे एक मरूद्यान में, भयंकर रेगिस्तान के बीच एक छोटे से मरूद्यान में पानी का इतना मीठा झरना मिला कि उसने अपनी चमड़े की बोतल में जल भर लिया। सोचा, अपने सम्राट को भेंट करूंगा। इतना प्यारा, इतना स्वच्छ उसने जल देखा नहीं था। और इतनी मिठास थी उस जल में।

भर लिया अपनी चमड़े की बोतल में और पहला काम उसने यही किया, राजधानी पहुंचा तो जाकर राजा के द्वार पर दस्तक दी। कहा, कुछ भेंट लाया हूं सम्राट के लिए। बुलाया गया। उसने बड़ी तारीफ की उस झरने की और कहा, यह जल लाया हूं। इतना मीठा जल शायद ही आपने जीवन में पिया हो। सम्राट ने थोड़ा सा जल लेकर पिया, खूब प्रसन्न हुआ, आनंदित हुआ। उस गरीब की झोली सोने की अशर्फियों से भर दी। उसे विदा किया।

दरबारियों ने भी कहा कि थोड़ा हम भी चखकर देखें। सम्राट ने कहा, रुको; पहले उसे जाने दो। जब वह चला गया तब सम्राट ने कहा, भूलकर मत पीना। बिल्कुल जहर हो गया है। लेकिन उस गरीब आदमी के प्रेम को देखो। जब उसने भरा होगा तो मीठा रहा होगा। लेकिन चमड़े की बोतल में, महीनों बीत गए उस जल को भरे हुए। वह बिल्कुल सड़ चुका है। जहरीला हो गया है। घातक भी हो सकता है। इसलिए मैंने एक ही घूंट पिया। और फिर मैंने बोतल सम्हालकर रख ली। उसके सामने मैं तुम्हें यह जल नहीं देना चाहता था क्योंकि मुझे भरोसा नहीं था तुममें इतनी समझ होगी कि तुम उसके सामने ही कह न दोगे कि यह जहर है। भूलकर भी इसे पीना मत।

स्वच्छ से स्वच्छ जल भी जब झरनों में नहीं बहता तो जहरीला हो जाता है। तुम्हारे आंसू अगर तुम्हारे आंख के झरनों से न बहे, तुम्हारे शरीर में जहर होकर रहेंगे। तुम्हारे रोएं अगर आनंद में नाचना चाहते थे, न नाचे तो तुम्हारे भीतर वही ऊर्जा जहर बन जाएगी।

इस जगत् में लोग इतने कडुवे क्यों हो गए हैं?

इसीलिए हो गए हैं। इतना तिक्त स्वाद हो गया है लोगों में। शब्द बोलते हैं तो उनके शब्दों में जहर है। गीत भी गाएं तो उनके गीतों में गालियों की धुन होती है। सब जहरीला हो गया है। क्योंकि जीवन एक कला भूल गया है बांटने की, देने की, लुटाने की। लुटाओ! ‘दोनों हाथ उलीचिए यही सज्जन को काम।

‘लोग पागल कहें, ठीक ही कहते हैं। बुरा न मानना। जो पागल कहे उसको भी बांटना। कौन जाने! तुम्हें पागल कहने में भी तुम्हारे प्रति उसका आकर्षण ही कारण हो। कौन जाने! तुम्हें पागल कहकर वह अपनी सिर्फ सुरक्षा कर रहा हो।

सुंदर कथा||जय राधे कृष्ण वंदना || आज ही साझा करें!

🌸सुंदर कथा.🌸
||जय राधे कृष्ण वंदना ||🌸

🍁कन्धे पर कपड़े का थान लादे और हाट-बाजार जाने की तैयारी करते हुए नामदेव जी से पत्नि ने कहा- भगत जी! आज घर में खाने को कुछ भी नहीं है।
आटा,नमक,दाल,चावल, गुड़ और शक्कर सब खत्म हो गए हैं। शाम को बाजार से आते हुए घर के लिए राशन का सामान लेते आइएगा।
🍁भक्त नामदेव जी ने उत्तर दिया- देखता हूँ जैसी विठ्ठल जीकी कृपा।अगर कोई अच्छा मूल्य मिला,तो निश्चय ही घर में आज धन-धान्य आ जायेगा।
🍁पत्नि बोली संत जी! अगर अच्छी कीमत ना भी मिले,तब भी इस बुने हुए थान को बेचकर कुछ राशन तो ले आना। घर के बड़े-बूढ़े तो भूख बर्दाश्त कर लेंगे। पर बच्चे अभी छोटे हैं,उनके लिए तो कुछ ले ही आना।
🍁जैसी मेरे विठ्ठल की इच्छा।ऐसा कहकर भक्त नामदेव जी हाट-बाजार को चले गए।
🍁बाजार में उन्हें किसी ने पुकारा- वाह भाई ! कपड़ा तो बड़ा अच्छा बुना है और ठोक भी अच्छी लगाई है।तेरा परिवार बसता रहे। ये फकीर ठंड में कांप-कांप कर मर जाएगा। दया के घर में आ और रब के नाम पर दो चादरे का कपड़ा इस फकीर की झोली में डाल दे।
🍁भक्त नामदेव जी- दो चादरे में कितना कपड़ा लगेगा फकीर जी?
🍁फकीर ने जितना कपड़ा मांगा, इतेफाक से भक्त नामदेव जी के थान में कुल कपड़ा उतना ही था।और भक्त नामदेव जी ने पूरा थान उस फकीर को दान कर दिया।
🍁दान करने के बाद जब भक्त नामदेव जी घर लौटने लगे तो उनके सामने परिजनो के भूखे चेहरे नजर आने लगे।फिर पत्नि की कही बात,कि घर में खाने की सब सामग्री खत्म है। दाम कम भी मिले तो भी बच्चो के लिए तो कुछ ले ही आना।
🍁अब दाम तो क्या,थान भी दान जा चुका था।भक्त नामदेव जी एकांत मे पीपल की छाँव मे बैठ गए।
🍁जैसी मेरे विठ्ठल की इच्छा।जब सारी सृष्टि की सार पूर्ती वो खुद करता है, तो अब मेरे परिवार की सार भी वो ही करेगा।और फिर भक्त नामदेव जी अपने हरिविठ्ठल के भजन में लीन गए।
🍁अब भगवान कहां रुकने वाले थे। भक्त नामदेव जी ने सारे परिवार की जिम्मेवारी अब उनके सुपुर्द जो कर दी थी।
🍁अब भगवान जी ने भक्त जी की झोंपड़ी का दरवाजा खटखटाया।
🍁नामदेव जी की पत्नी ने पूछा- कौन है?
🍁नामदेव का घर यही है ना? भगवान जी ने पूछा।
🍁अंदर से आवाज हां जी यही आपको कुछ चाहिये 
भगवान सोचने लगे कि धन्य है नामदेव जी का परिवार घर मे कुछ भी नही है। फिर ह्र्दय मे देने की सहायता की जिज्ञयासा है।
🍁भगवान बोले दरवाजा खोलिये
🍁लेकिन आप कौन?
🍁भगवान जी ने कहा- सेवक की क्या पहचान होती है भगतानी?
जैसे नामदेव जी विठ्ठल के सेवक,वैसे ही मैं नामदेव जी का सेवक हूँ।
🍁ये राशन का सामान रखवा लो। पत्नि ने दरवाजा पूरा खोल दिया।
फिर इतना राशन घर में उतरना शुरू हुआ,कि घर के जीवों की घर में रहने की जगह ही कम पड़ गई।
इतना सामान! नामदेव जी ने भेजा है? मुझे नहीं लगता।
पत्नी ने पूछा।

🍁भगवान जी ने कहा- हाँ भगतानी! आज नामदेव का थान सच्ची सरकार ने खरीदा है।
🍁जो नामदेव का सामर्थ्य था उसने भुगता दिया। और अब जो मेरी सरकार का सामर्थ्य है वो चुकता कर रही है।
जगह और बताओ।
सब कुछ आने वाला है भगत जी के घर में।
🍁शाम ढलने लगी थी और रात का अंधेरा अपने पांव पसारने लगा था।
🍁समान रखवाते-रखवाते पत्नि थक चुकी थीं। बच्चे घर में अमीरी आते देख खुश थे। वो कभी बोरे से शक्कर निकाल कर खाते और कभी गुड़। कभी मेवे देख कर मन ललचाते और झोली भर-भर कर मेवे लेकर बैठ जाते। उनके बालमन अभी तक तृप्त नहीं हुए थे।
🍁भक्त नामदेव जी अभी तक घर नहीं आये थे,पर सामान आना लगातार जारी था।
🍁आखिर पत्नी ने हाथ जोड़ कर कहा- सेवक जी! अब बाकी का सामान संत जी के आने के बाद ही आप ले आना। हमें उन्हें ढूंढ़ने जाना है क्योंकी वो अभी तक घर नहीं आए हैं।
🍁भगवान जी बोले- वो तो गाँव के बाहर पीपल के नीचे बैठकर विठ्ठल सरकार का भजन-सिमरन कर रहे हैं। अब परिजन नामदेव जी को देखने गये
🍁सब परिवार वालों को सामने देखकर नामदेव जी सोचने लगे, जरूर ये भूख से बेहाल होकर मुझे ढूंढ़ रहे हैं।
🍁इससे पहले की संत नामदेव जी कुछ कहते
उनकी पत्नी बोल पड़ीं- कुछ पैसे बचा लेने थे।
अगर थान अच्छे भाव बिक गया था, तो सारा सामान संत जी आज ही खरीद कर घर भेजना था क्या?
🍁भक्त नामदेव जी कुछ पल के लिए विस्मित हुए।
फिर बच्चों के खिलते चेहरे देखकर उन्हें एहसास हो गया, कि जरूर मेरे प्रभु ने कोई खेल कर दिया है।
🍁पत्नि ने कहा अच्छी सरकार को आपने थान बेचा और वो तो समान घर मे भैजने से रुकता ही नहीं था।
🍁पता नही कितने वर्षों तक का राशन दे गया।
उससे मिन्नत कर के रुकवाया- बस कर! बाकी संत जी के आने के बाद उनसे पूछ कर कहीं रखवाएँगे।
🍁भक्त नामदेव जी हँसने लगे और बोले- ! *वो सरकार है ही ऐसी।*
*🍁जब देना शुरू करती है तो सब लेने वाले थक जाते हैं।*
*🍁उसकी बख्शीश कभी भी खत्म नहीं होती।* वह सच्ची सरकार की तरह सदा कायम रहती है।
🌸जय श्री राधेकृष्ण..👣🌸

Monday, 1 June 2020

जरा सी जिन्दगी में, व्यवधान बहुत हैं - Good Night

*_जरा सी जिन्दगी में, व्यवधान बहुत हैं,_*
*_तमाशा देखने को यहाँ, इन्सान बहुत हैं !!_*
*_खुद ही बनाते हैं हम, पेचीदा जिंदगी को,_*
*_वर्ना तो जीने के नुस्खे, आसान बहुत हैं !!_* 

*_शुभ रात्रि ..._*