Thursday, 18 June 2020

✒️एक कहानी 😊😊 स्वाकंन का पटाक्षेपन...

✒️एक कहानी😊😊

*स्वाकंन का पटाक्षेपन*
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उस दिन जॉब रोटेशन के तहत मुझे कैश काउंटर से हटा कर  miscellaneous पटल का काम दिया गया ।जहाँ मुझे RTGS, NEFT, DD, और 50000 रुपये से कम के लेन देन करने थे, मैं वही कर रहा था तभी मेरे कानों में आवाज आई 

" No one do their job properly  in government banks, you guys  just take  thick salary, do you not getting what i m asking for, you waste my  15 minutes."
जब देखा उधर तो पाया एक 21, 22 साल का लड़का हमारे 55 साल के दफ्तरी को english में भर भर के गरिया रहा था, पहले तो हँसी आयी के आज रामलाल फंस गया चक्कर में,
 फिर कुछ देर में ही ,उस लड़के की भाषा और वॉल्यूम दोनो तीखे हो गए,तो मैंने अपने काउंटर से आवाज़ लगाई "रामलाल क्या बात हैं क्या हुआ ?, क्या चाहिए भाई साब को "
रामलाल भाग के मेरे पास आया और बोला "साब पता नही का कह रहे है अंग्रेज़ी में हमे कुछ नही समझ आ रहा हैं,हम बताये के हमे अंग्रेजी नही आती तब भी, पर साब सबके सामने बेज़्ज़ती तो हो ही गयी बताओ कल का लौंडा सबके सामने गरिया रहा है वो भी अंग्रेज़ी में, बैंक वालो की तो कोई इज़्ज़त नही रही "

"कोई बात नही ,पब्लिक सर्विस में ये सब चलता है " मैंने रामलाल को समझाया 
"सर आप बताइए क्या काम है ?"  मैंने उस लड़के से कहा 
वो मेरे सामने एक चेक ले के आ गया और बोला " I WANT  CASH PAYMENT OF THIS CHEQUE. "और चेक मेरी ओर बढ़ा दिया ,
चेक जो हाथ में ले के, पहले तो हमने ढूंढा कही कोई गलती मिले, पर चेक एक दम सही था तो हमने चेक का छपाई वाला भाग ऊपर रख कर कहा "श्रीमान इस पर स्वाकंन पटाक्षेपित करें "और मैं फिर अपना काम करने लगा, 
कुछ देर में आवाज आई "SORRY , WHAT I HAVE TO DO ?"

मैंने फिर कहा -"श्रीमान इस पर स्वाकंन पटाक्षेपित करें"
और फिर अपना काम करने लगा,इस बार लगभग 3 ,4 मिनट बाद आवाज़ आयी "एक्सक्यूज़ मी, वैसे मुझे करना क्या हैं "
मैंने हल्के से मुस्कुराकर कहा " चेक के पीछे साइन करो "
बस फिर क्या वो वही बम की तरह फट पड़ा "आप ऐसे कैसे बात कर सकते हैं,मुझे कोई संस्कृत थोड़े आती हैं, जो संस्कृत बोल रहे हो "इतना कह के वो ब्रांच मैनेजर के पास शिकायत ले के पहुँचा  और बोला "वो बंदा मुझसे संस्कृत में बात कर रहा है,बताइए ग्राहक को क्या समझ आएगा, HE SHOULD USE THE LANGUAGE PEOPLE UNDERSTAND"
फिर मेरी पेशी हुई,
ब्रांच मैनेजर ने मुझसे जवाब मांगा की भाई कौन सी फ़ारसी पढ़ दिए तुम,"
मैंने कहा "सर मैंने तो बस इतना कहा था कि स्वांकन पटाक्षेपित करें"
ये सुनते ही मैनेजर साब की हँसी छूट गयी " तुम इतनी क्लिष्ठ हिंदी काहे बोलते हो की लोग उसे संस्कृत समझ ले"

वो लड़का अपने ऊपर चल रहे ये व्यंग्य बाण सहन नही कर पा रहा था, उसका लाल चेहरा इस बात की गवाही दे रहा था 

 "सर ,ये महोदय रामलाल को 15 मिनट तक इंग्लिश में समझा रहे थे जबकि ये अच्छी तरह समझ रहे थे कि उसे इंग्लिश नही आती,उसपे बैंक पे इल्ज़ाम की बैंकवाले बहुत समय लगाते हैं ,और कस्टमर को परेशान करते है ,कुछ आता जाता नही है मोटी तनख्वाह लेते है ,
ये चाहते तो मेरे पास या आपके पास आकर भी अपनी बात इंग्लिश में बताते तो एक मिनट में काम हो जाता,
अब हिंदुस्तान में रह के, ये क्या बोले english में ,मैं समझ गया, तो ये मेरी क़ाबलियत हैं  और ये हिंदुस्तान में रह के हिंदी नही समझ पाए ये इनकी नाकाबलियत है ",

ऐसा कह के मैंने उस लड़के की ओर देखा, (एकदम चोंगा सा मुँह बन गया था उसका) और कहा " "जेंटलमैन, भाषा सिर्फ दूसरो को अपनी बात समझाने का साधन मात्र है ना कि status symble, सामने वाले व्यक्ति को देख कर,जो भाषा उचित हो वही प्रयोग किया करो ...........आओ पेमेंट कर देते है " 
ऐसा कह के मैं अपने काउंटर पर चला गया, फिर वो भी सामने से आया और बोला "भैया !साइन कर दिया हैं, 500 के नोट देना "
"उसके जाने के बाद रामलाल एक कप चाय लाया और बोला साब चाय मेरी तरफ से .......धोते बहुत अच्छा हो आप ,..
क्या फटाफट इंग्लिश से हिंदी में ट्रांसलेट हो गया ,मज़ा आ गया"
😂😂😂😂😂

सभी शहीद जवानों को नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि 😢🙏।

आप सभी से निवेदन है  कि जहां तक संभव हो चीन के सभी उत्पादों का बहिष्कार करें और इसी कड़ी में कम से कम Tiktok और Hello जैसे जितने भी चायनीज एप्स हैं, उनको फौरन अपने मोबाइल से डिलीट कर दें। हमारे जवान चीनी सेना की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं  और हमारी सुरक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हुए हैं ।
सरकार अपने स्तर पर क्या करती है यह एक अलग विषय है लेकिन हमारे हाथ में जो है, वो तो हम कर ही सकते हैं और शायद हमारे शहीद जवानों के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी !!!

सभी शहीद जवानों को नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि  😢🙏।
🇳🇪🇳🇪 *जय हिन्द की सेना* 🇳🇪🇳🇪

19 ऊंट 🐪 की कहानी मजाक में मत लेना जी - Lesson

*19 ऊंट की कहानी*
मजाक में मत लेना जी

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एक गाँव में एक व्यक्ति के पास 19 ऊंट थे। 

एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। 

मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि:

मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को,19 ऊंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को, और 19 ऊंटों में से पांचवाँ हिस्सा मेरे नौकर को दे दिए जाएँ।

सब लोग चक्कर में पड़ गए कि ये बँटवारा कैसे हो ?

19 ऊंटों का आधा अर्थात एक ऊँट काटना पड़ेगा, फिर तो ऊँट ही मर जायेगा। चलो एक को काट दिया तो बचे 18 उनका एक चौथाई साढ़े चार- साढ़े चार. फिर?

सब बड़ी उलझन में थे। फिर पड़ोस के गांव से एक बुद्धिमान व्यक्ति को बुलाया गया।

वह बुद्धिमान व्यक्ति अपने ऊँट पर चढ़ कर आया, समस्या सुनी, थोडा दिमाग लगाया, फिर बोला इन 19 ऊंटों में मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो।

सबने सोचा कि एक तो मरने वाला पागल था, जो ऐसी वसीयत कर के चला गया, और अब ये दूसरा पागल आ गया जो बोलता है कि उनमें मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो। फिर भी सब ने सोचा बात मान लेने में क्या हर्ज है।

19+1=20 हुए।

20 का आधा 10, बेटे को दे दिए।

20 का चौथाई 5, बेटी को दे दिए।

20 का पांचवाँ हिस्सा 4, नौकर को दे दिए।

10+5+4=19 

बच गया एक ऊँट, जो बुद्धिमान व्यक्ति का था...

वो उसे लेकर अपने गॉंव लौट गया।

इस तरह 1 उंट मिलाने से, बाकी 19 उंटो का बंटवारा सुख, शांति, संतोष व आनंद से हो गया।

सो हम सब के जीवन में भी 19 ऊंट होते हैं।

5 ज्ञानेंद्रियाँ
(आँख, नाक, जीभ, कान, त्वचा)

5 कर्मेन्द्रियाँ
(हाथ, पैर, जीभ, मूत्र द्वार, मलद्वार)

5 प्राण
(प्राण, अपान, समान, व्यान, उदान)

और

4 अंतःकरण
(मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार)

कुल 19 ऊँट होते हैं। 

सारा जीवन मनुष्य इन्हीं 19 ऊँटो के बँटवारे में उलझा रहता है।

और जब तक उसमें *मित्र* रूपी ऊँट नहीं मिलाया जाता यानी के दोस्तों के साथ.... सगे-संबंधियों के साथ जीवन नहीं जिया जाता, तब तक सुख, शांति, संतोष व आनंद की प्राप्ति नहीं हो सकती।

यह है 19 ऊंट की कहानी...सभी ग्रुप मेंबर्स को समर्पित।🙏🏻

India vs China and Modi Factor

नेहरू जी की बात आज नही करूँगा क्योंकि उनके चीन वाले प्रकरण पर की किताबें लिखी जा चुकी हैं। 

*चीन के 43 जवानों को भारतीय सेना ने मार गिराया है और ये लगातार बढ़ रहे है हो सकता है सुबह तक 100 का आंकड़ा पार कर ले*


आज मोदी, यूपीए और मनमोहन काल की बात।
सोनिया   और मनमोहन वाले कांग्रेस के जमाने में भी एक बार ऐसे ही भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थी, तब मनमोहन सिंह जी ने दौलत बेग ओल्डी में भारत की सेना द्वारा बनाए गए बंकर को स्वयं तोड़ने का हुक्म देखकर सेनाओं को पीछे हटने के लिए कहा और इस प्रकार उन्होंने चीन से शांति स्थापित कर ली।

एक दो बार भारतीय सेना ने जब चीन से लगी सीमा पर रोड बनाने का प्रयास किया तो चीन ने ऑब्जेक्शन किया और मनमोहन सिंह जी के निर्देश पर रोड बनाने का काम रोक दिया गया और इस प्रकार कांग्रेस ने भारत चीन सीमा पर भारत द्वारा बनाई जा रही रोड का काम रुकवाकर शांति स्थापित कर ली।
2004 से 2014 तब इसी प्रकार पीछे हट हट कर शांति स्थापित करते रहे और भारत का सिर्फ लद्दाख सेक्टर में 700 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन ने शांति स्थापित करते हुए शांतिपूर्वक कब्जा कर लिया हमें भनक ही नही लगी और मनमोहन जी साइलेंट मोड़ में साइलेंट ही रहे। यह थी एकतरफा शांति की कीमत जो कांग्रेस ने चीन को दे दी।
इसके बाद आया मोदी का शासन काल, मोदी जी ने शुरू में ही कहा था ना आंख दिखाएंगे ना आंख झुकाएंगे मतलब ना दूसरे की सीमा में जाएंगे और ना अपनी सीमा में अतिक्रमण बर्दाश्त करेंगे।मोदी ने चीन से लगे अरुणाचल लद्दाख एवं अन्य सीमावर्ती इलाकों पर रोड बनाने का काम तेजी से किया, हवाई पट्टीयों का निर्माण और रिनोवेशन शुरू हुआ। चीनी सेना ने कई बार ऑब्जेक्शन किया मगर मोदी जी ने पीछे हट के शांति स्थापित करने वाली कांग्रेसी परंपरा को तिलांजलि दे दी थी। अतः रोड भी बनी और हवाई पट्टी भी, बस यहीं से चीन की असली पीड़ा शुरू हुई।
यहां तक कि भूटान देश के डोकलाम में जब भारत और चीन की सेना आमने सामने खड़ी थी तो वहाँ भी भारत शांति स्थापित करने के नाम पर पीछे नहीं हटा। आगे भी यही होता रहा। अब स्वाभाविक है जब आप पीछे नहीं हटेंगे और डकैत आपके आपके घर में आएगा उससे लड़ाई ही होगी और लड़ाई का परिणाम जो निकलेगा उसमें दोनों पक्ष का कुछ न कुछ नुकसान होगा । जैसे आज हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं और 45 चीनी सैनिक मारे गए तथा 80 घायल हुए हैं । आने वाले समय में ऐसी और भी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं क्योंकि हमने पीछे हटकर अपनी जमीन चीन को दे देने वाला शांति का मार्ग त्याग दिया है। आज संभव है चीन के 45 सैनिक मारे गए हैं और हमारे 20 बलिदान हुए इसलिए हम इस बात का संतोष कर सके कि हम ने जवाब दिया है। परंतु युद्ध में हर बार एक जैसे परिणाम नहीं निकलते हैं आशा है आप सभी समझ रहे होंगे कि क्या कहना चाह रहा हूं, स्ट्रैटेजिक पोजिशन के अनुसार यह स्थिति कभी कभार उलट भी हो सकती है।
अतः हल्की टिप्पणियां करने की जगह पर देश और सेना के साथ डटकर खड़े रहे यह 2020 का भारत है। चीनी नेतृत्व को मनमोहन, सोनिया और मोदी का अंतर बहुत बढ़िया से समझ में आ चुका है।

माना तुम चीनी फोन नहीं फेंक सकते, Start from This

माना तुम चीनी फोन नहीं फेंक सकते, 
माना तुम Laptop Computer नहीं फेंक सकते .
माना तुम कोई Electronic चीन की बनी चीज नहीं फेंक सकते .

लेकिन अगर इन 20 जवानों की शहादत का थोड़ा भी दुःख है तुम्हे, तो अपने फोन से टुच्ची सी Tiktok app को अभी uninstall कर दो !

आप पूछ सकते है इससे क्या होगा ?
 खाली एक App Uninstall करने से क्या होगा ?

तो सुनो एक बात गौर से !!

3 दिन के भीतर यदि सारे भारतीय इस चीनी Tiktok App को Uninstall कर दें | तो चीन पर एक तरह का मानिसक दबाव आ जायेगा !

किस बात का दबाव ??

चीनी सरकार सोचेगी , यदि 3 दिन में सभी भारतीय एकजुट होकर एक चीनी App Uninstall कर सकते हैं , तो आगे मिलकर क्या कर सकते हैं ! 🥺🥺

ये सोचकर ही चीन की पेंट गीली हो जायेगी, दोस्तों एक बात हमेशा याद रखना कि मानिसक दबाव बहुत बड़ी चीज होती है !! बड़े से बड़ा पहलवान यदि मन से हार जाए तो वो कुश्ती नहीं लड़ पायेगा !!

मित्रों हम सीमा पर जाकर लड़ नहीं सकते है, आज हम इतने ज्यादा चीनी सामानों से घिरें है सब सामान फेंक नहीं सकते हैं !!

मित्रों अपनी आत्मा से पूछों  !

लेकिन क्या हम सब मिलकर मात्र एक चीनी App  Phone से Uninstall नहीं कर सकते ??

क्या हम ये छोटा सा काम करके हम चीन की सरकार पर मानसिक दबाव नहीं बना सकते ?? 

क्या हम सीमा पर लड़ रहे अपने जवानों के इतना सहयोग नहीं दे सकते ??

हम बिलकुल कर सकतें दोस्तों !!

तो आओ इस मुहीम को शुरू करे , अपने Phone से इस Tiktot App को अभी Uninstall करिए ! उसका Screenshot लेकर सोशल मीडिया पर share करें !!

अपने दोस्तों, रिश्तेदारों सबको प्रेरित करें !! इस मैसेज आग की तरह सब ओर share करें | copy paste करें, जो करना है करें !

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#I_Uninstalled_Tiktok

जय हिंद ! वन्दे मातरम !!

👌 बहुत सुंदर मैं एक गृह प्रवेश की पूजा में गया थापंडितजी पूजा करा रहे थे । आज का ज्ञान।

*👌🏻बहुत सुंदर 👌🏻*

मैं एक गृह प्रवेश की पूजा में गया था
पंडितजी पूजा करा रहे थे ।

पंडितजी ने सबको हवन में शामिल होने के लिए बुलाया । सबके सामने हवन सामग्री रख दी गई । पंडितजी मंत्र पढ़ते और कहते, “स्वाहा ।”

लोग चुटकियों से हवन सामग्री लेकर अग्नि में डाल देते, गृह मालिक को स्वाहा कहते ही अग्नि में घी डालने की ज़िम्मेदीरी सौंपी गई ।

हर व्यक्ति थोड़ी सामग्री डालता, इस आशंका में कि कहीं हवन खत्म होने से पहले ही सामग्री खत्म न हो जाए, गृह मालिक भी बूंद-बूंद घी डाल रहे थे । उनके मन में भी डर था कि घी खत्म न हो जाए ।

मंत्रोच्चार चलता रहा, स्वाहा होता रहा और पूजा पूरी हो गई, सबके पास बहुत सी हवन सामग्री बची रह गई ।

"घी तो आधा से भी कम इस्तेमाल हुआ था ।"

हवन पूरा होने के बाद पंडितजी ने कहा कि आप लोगों के पास जितनी सामग्री बची है, उसे अग्नि में डाल दें । गृह स्वामी से भी उन्होंने कहा कि आप इस घी को भी कुंड में डाल दें ।

एक साथ बहुत सी हवन सामग्री अग्नि में डाल दी गई । सारा घी भी अग्नि के हवाले कर दिया गया । पूरा घर धुंए से भर गया । वहां बैठना मुश्किल हो गया, एक-एक कर सभी कमरे से बाहर निकल गए ।

अब जब तक सब कुछ जल नहीं जाता, कमरे में जाना संभव नहीं था । काफी देर तक इंतज़ार करना पड़ा, सब कुछ स्वाहा होने के इंतज़ार में ।
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......मेरी कहानी यहीं रुक जाती है ।
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उस पूजा में मौजूद हर व्यक्ति जानता था कि जितनी हवन सामग्री उसके पास है, उसे हवन कुंड में ही डालना है । पर सभी ने उसे बचाए रखा कि आख़िर में सामग्री काम आएगी या खत्म न हो जाए ?

ऐसा ही हम करते हैं । यही हमारी फितरत है । हम अंत के लिए बहुत कुछ बचाए रखते हैं । जो अंत मे जमीन जायदाद और बैंक बैलेंस के रूप में यहीं पड़ा रह जाता है।😞

*ज़िंदगी की पूजा खत्म हो जाती है और हवन सामग्री बची रह जाती है । हम बचाने में इतने खो जाते हैं कि यह भी भूल जाते है कि सब कुछ होना हवन कुंड के हवाले ही है, उसे बचा कर क्या करना । बाद में तो वो सिर्फ धुंआ ही होना है !!*

*"संसार" हवन कुंड है और "जीवन" पूजा ।*

एक दिन सब कुछ हवन कुंड में समाहित होना है।

*अच्छी पूजा वही है, जिसमें...*
*"हवन सामग्री का सही अनुपात में इस्तेमाल हो" न सामग्री खत्म हो ! न बची रह जाए !! यही मेनेजमेन्ट करना है !!!*

*🙏🌹जय श्री राधे राधे जी 🌹🙏*

दुनियां से बात करने के लिए*"फोन"* की जरूरत होती है! GM

*🌹🙏सुप्रभात🙏🌹*
 
*"दुनियां"* से बात करने के लिए
*"फोन"* की जरूरत होती है!
             और 
*"प्रभु"* से बात करने के लिए 
*"मौन"* की जरूरत होती है!! 
*"फोन"* से बात करने पर 
*"बिल"* देना पड़ता है, 
            और 
*"ईश्वर"* से बात करने पर 
*"दिल"* देना पड़ता है! 
*"माया"* को चाहने वाला 
*"बिखर"* जाता है! 
*"भगवान"* को चाहने वाला 
*"निखर"* जाता है!!
आप सभी का दिन शुभ व मंगलमय हो...!!
 *🌹🙏जय श्री कृष्ण🙏🌹*

Wednesday, 17 June 2020

India vs China - Brilliant Suggestion, Everyone will agree

भारत में जितने भी बैंक खाता धारक है उनके खाते से सिर्फ "एक रुपया"उस वक़्त स्वतः ही कट जाए जब कोई भी सैनिक बॉर्डर पर हमारे लिए शहीद हो,
और वो पैसा उस शहीद सैनिक के परिवार को मिल जाए ऐसी व्यवस्था सरकार करे,
सुझाव अच्छा लगे तो यह तीन लोगों को शेयर करे, ओर
उनसे बोलो वो तीन तीन लोगों को शेयर करे 
I'm agree 
I'll send it to 3 people

अपने बच्चों को हारना भी सिखाइये और हार को सकारात्मक रूप से लेना भी

अपने बच्चों को हारना भी सिखाइये और हार को सकारात्मक रूप से लेना भी वरना वो हलका सा झटका भी न झेल पाएंगे । 1970 और 1980 के दशक में पैदा हुए अधिकांश बच्चे अपने अभिभावकों से इतनी बार कूटे गए हैं कि मुझे लगता है इनसे मजबूत शायद ही कोई हो । कई बार तो बिना गलती के भी कूट दिए जाते थे। घर में कोई हथियार नहीं बचा जिससे पेला नहीं गया हो चप्पल, फूंकनी, चिमटा, कपडे धोने का सोटा, पानी का पाइप, झाड़ू आदि का प्रयोग हुआ और आज देखो हम अपने बच्चों के एक थप्पड़ भी नहीं मार सकते, जब से एक या दो बच्चों का चलन चल निकला था बस वहीँ से पिटाई कम होते होते बंद हुई है ।
हमारे समय तो पूरा मोहल्ला एक परिवार कि तरह  होता था, मोहल्ले के चाचा ताऊ भी मौका मिलते ही हाथ साफ कर लेते थे आज किसी के बच्चे को डाटं भी नहीं सकते ।
हम भी तभी की पैदावार हैं और इतने पक्के हो चुके हैं कि आत्महत्या तो दूर की बात सामने वाले को आत्महत्या करने पे मजबूर कर दें । जीवन में डिप्रेशन के उतार चढ़ाव देख के इतने ढीट हो चुके हैं कि अब जब भी जीवन में डिप्रेशन वाली सिचुएशन आती है तो सबसे पहले हंसी ही छूटती है।🤣🤣

डिप्रेशन क्यों श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा.!

*डिप्रेशन क्यों* .....

*श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा.!*
*पहले माँ छूटी, फिर पिता छूटे.!* 
*फिर जो नंद-यशोदा मिले, वे भी छूटे.।*
*संगी-साथी छूटे.*
*राधा भी छूटीं.।*
*गोकुल छूटा, फिर मथुरा छूटी.।*
*श्रीकृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा.!*
*नहीं छूटा तो देवत्व, मुस्कान और सकारात्मकता.।*
*श्रीकृष्ण दुःख नहीं, उत्सव के प्रतीक हैं.।*
*सब कुछ छूटने पर भी, कैसे खुश रहा जा सकता है, यह 'श्री कृष्ण' से अच्छा कोई नहीं सिखा सकता.!*

😊 *इसलिए हमेशा खुश रहें, सदा मुस्कुराते रहें, परिवार के साथ औरों को भी हँसाते रहें, व्यस्त रहें..*
    🙏जय श्री कृष्ण🙏